अतुल सुभाष की आत्महत्या: बेटे के लिए छोड़ा दर्दभरा संदेश और खास गिफ्ट
सुसाइड नोट में बेटे के लिए किया दर्दभरा खुलासा
अतुल सुभाष की आत्महत्या ने न केवल परिवार बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 34 वर्षीय अतुल ने बेंगलुरु में अपनी जान ली और इससे पहले उसने एक 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा। इस नोट में उसने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसने अपने 4 वर्षीय बेटे व्योम के लिए भी एक पत्र और गिफ्ट छोड़ा है, जिसमें उसने एक खास शर्त रखी है कि बेटे को यह पत्र 2038 से पहले नहीं खोलना चाहिए।
सुसाइड नोट में बेटे के लिए लिखा गया दिल दहला देने वाला संदेश
अतुल ने अपने सुसाइड नोट में बेटे व्योम के लिए लिखा, “तुम्हारी तस्वीर देखे बिना चेहरा याद नहीं आता। अब तुम मेरे लिए एक औजार की तरह लगते हो, जिसका इस्तेमाल मुझसे और अधिक उगाही करने के लिए किया जाएगा।” उसने आगे लिखा, “हो सकता है तुम्हें दुख हो, लेकिन अब तुम एक गलती की तरह महसूस होते हो।”
बेटे के भविष्य के लिए छोड़ गया गिफ्ट और खत
अतुल ने अपने बेटे के लिए गिफ्ट और एक पत्र छोड़ते हुए लिखा कि जब वह बड़ा होगा, तब उसे इस सबका सही अर्थ समझ में आएगा। उसने कहा कि “जब तक मैं जीवित था, मैंने तुम्हारे लिए एक कार खरीदने के लिए पैसे बचाए थे, लेकिन अब मुझे यह सब बेकार लगता है।”
2038 तक न खोलने की शर्त
अतुल ने बेटे को यह पत्र और गिफ्ट 2038 तक न खोलने की शर्त रखी थी। इसका कारण शायद यह था कि वह चाहता था कि उसका बेटा जब बालिग हो जाए तब उसे यह सब समझ में आ सके।
परिवार और समाज से निराशा
अतुल ने समाज और व्यवस्था पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए लिखा कि उन्हें अब इनसे कोई उम्मीद नहीं थी। उसने अपने बेटे को यह भी सलाह दी कि यदि उसके खून का अंश उसमें जीवित रहेगा, तो वह पूरे दिल से जीवन जिएगा और समाज के खिलाफ संघर्ष करेगा।
निष्कर्ष
अतुल सुभाष की आत्महत्या और उसके छोड़े गए पत्र ने यह सवाल उठाया है कि क्या किसी व्यक्ति की जीवन संघर्ष को समझने से पहले उसे हर दिशा में सहयोग नहीं मिलना चाहिए? यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज में असमानता और व्यक्तिगत संघर्षों की गंभीरता पर भी सवाल खड़ा करती है।