डायबिटीज की नई दवा से ट्रिपल फायदे: शुगर, वजन और किडनी का रखेगी ख्याल
डायबिटीज के इलाज में नई उम्मीद
नई दिल्ली: डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित की गई ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट दवाएं अब किडनी को भी सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो रही हैं। एक नए अध्ययन के मुताबिक, ये दवाएं न केवल ब्लड शुगर और वजन को नियंत्रित करती हैं, बल्कि किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम करती हैं।
कैसे काम करती हैं ये दवाएं?
GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स का मुख्य काम ब्लड शुगर को नियंत्रित करना है। ये दवाएं:
- इंसुलिन उत्पादन बढ़ाती हैं।
- पाचन प्रक्रिया को धीमा करती हैं, जिससे भूख कम लगती है।
- वजन घटाने में मदद करती हैं।
किडनी पर असर: एक सुरक्षित विकल्प
शोध में पाया गया कि इन दवाओं का उपयोग करने वाले मरीजों में:
- किडनी फेलियर का खतरा 16% तक कम होता है।
- ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) धीमी गति से घटता है।
- किडनी रोग से संबंधित मौतों का खतरा 19% तक कम होता है।
प्रमुख दवाएं और उनके फायदे
अध्ययन में सेमाग्लूटाइड (Ozempic, Wegovy), डुलाग्लूटाइड (Trulicity), और लिराग्लूटाइड (Victoza) जैसी दवाओं को शामिल किया गया। इन दवाओं का प्रभाव 85,373 मरीजों के डेटा का विश्लेषण करके देखा गया, जिसमें से अधिकांश टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित थे।
क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों के लिए नई उम्मीद
GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स ने क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों के लिए बेहतर जीवन की उम्मीद जगाई है। ये दवाएं:
- किडनी फेलियर को रोकने में मदद करती हैं।
- मरीजों की जीवन गुणवत्ता सुधारती हैं।
- दिल की बीमारी के खतरे को भी कम करती हैं।
डॉक्टर और मरीजों के लिए क्या खास है?
शोध का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर सुनील बदवे का कहना है कि ये दवाएं डायबिटीज और मोटापे के साथ-साथ किडनी की बीमारियों के लिए भी कारगर साबित हो रही हैं। यह मरीजों और डॉक्टरों के लिए एक नई दिशा प्रदान करती हैं।
नोट: यह जानकारी जागरूकता के उद्देश्य से साझा की गई है। किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।