भारत ने 2,960 करोड़ रुपये में खरीदी खतरनाक मिसाइलें, नौसेना की ताकत में होगा बड़ा इजाफा

भारत ने 2,960 करोड़ रुपये में खरीदी खतरनाक मिसाइलें, नौसेना की ताकत में होगा बड़ा इजाफा
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भारत ने 2,960 करोड़ रुपये में किया मिसाइलों का सौदा

भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने 2,960 करोड़ रुपये की लागत से 70 मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (एमआर-एसएएम) खरीदने का सौदा किया है। ये मिसाइलें युद्धपोतों के लिए डिज़ाइन की गई हैं और समुद्री इलाकों में भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करेंगी।


मिसाइल डील के प्रमुख पहलू

रक्षा मंत्रालय ने यह अनुबंध भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के साथ किया है। इस डील के तहत भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों को अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस किया जाएगा। इन मिसाइलों को इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के सहयोग से तैयार किया गया है और यह सौदा भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।


एमआर-एसएएम मिसाइल: समुद्री सुरक्षा का कवच

एमआर-एसएएम मिसाइलें 70 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम हैं। यह सिस्टम आईएनएस विक्रांत, कोलकाता और विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक जहाजों पर तैनात किया जाएगा।

इससे पहले, वायुसेना और थलसेना ने भी इस प्रणाली को अपनाया है। थलसेना ने फरवरी 2023 में चीन सीमा की सुरक्षा के लिए ‘अभ्रा’ एमआर-एसएएम रेजिमेंट का संचालन शुरू किया था।


मिसाइल की तकनीकी विशेषताएं

एमआर-एसएएम सिस्टम उन्नत रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली से लैस है। यह मिसाइलें टर्मिनल चरण के दौरान उच्च गतिशीलता प्राप्त करती हैं और गंभीर स्थितियों में भी कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होती हैं।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रणाली समुद्र, हवा और जमीन पर एक साथ खतरों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन की गई है।


चीन और पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर यह सौदा भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह मिसाइलें भारतीय नौसेना को न केवल रक्षा में बल्कि आक्रामक रणनीतियों में भी बढ़त देंगी।


भारत की समुद्री रणनीति होगी और मजबूत

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भारत ने नौसेना के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया है। पनडुब्बियों, युद्धपोतों और मिसाइल प्रणालियों के साथ भारतीय नौसेना अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो रही है।


निष्कर्ष

2,960 करोड़ रुपये की इस डील से भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा। एमआर-एसएएम मिसाइलें दुश्मनों के लिए खतरा साबित होंगी और हिंद महासागर में भारत की स्थिति को और मजबूत करेंगी। यह सौदा न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि स्वदेशी रक्षा तकनीक को भी प्रोत्साहित करेगा।