सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर जताई चिंता, GRAP-4 रहेगा लागू
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 को लागू रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने आज तक की एक खबर का हवाला देते हुए पराली जलाने को प्रदूषण का मुख्य कारण बताया और इसे “बहुत गंभीर मामला” करार दिया।
GRAP-4 के तहत लागू उपाय
GRAP-4 के तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कड़े उपाय किए गए हैं:
- सभी निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध।
- ट्रकों और भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण।
- स्कूलों और कार्यालयों को हाइब्रिड या वर्क फ्रॉम होम मोड में संचालन का निर्देश।
- कोयला और डीजल आधारित उद्योगों को बंद करने का आदेश।
अदालत का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को GRAP-4 के तहत सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि प्रदूषण की इस समस्या को हल करने के लिए सभी पक्षों को समन्वय से काम करना होगा।
पराली जलाने पर सवाल
सुनवाई के दौरान अदालत ने पराली जलाने के मुद्दे को उठाया और इसे प्रदूषण का बड़ा कारण बताया। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों और प्रशासन से इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की अपील की।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अदालत ने साफ किया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सभी स्तरों पर ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। GRAP-4 के उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करना नागरिकों को स्वच्छ हवा प्रदान करने की दिशा में एक अहम प्रयास है।