दिल्ली/एनसीआरराजनीति

संसद में धक्कामुक्की कांड के बाद स्पीकर ओम बिरला का सख्त कदम, संसद गेट पर प्रदर्शन पर रोक

Spread the love

संसद में धक्कामुक्की: क्या है पूरा मामला?

संसद भवन परिसर में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्कामुक्की की घटना ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना के लिए विपक्षी दल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया, जबकि कांग्रेस ने भाजपा पर ही आरोप मढ़े। इस विवाद के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बड़ा कदम उठाते हुए संसद गेट पर प्रदर्शन पर सख्त रोक लगा दी है।


प्रदर्शन पर रोक: ओम बिरला का निर्देश

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों और राजनीतिक दलों को निर्देश दिया कि संसद भवन के किसी भी गेट पर धरना या प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। उनका यह फैसला संसद में सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने और सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।


विवाद की शुरुआत: भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इसी दौरान भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। भाजपा ने इस घटना का दोष राहुल गांधी पर मढ़ा, जबकि कांग्रेस ने दावा किया कि उनके नेताओं को संसद में प्रवेश करने से रोका गया।


राहुल गांधी पर FIR दर्ज

घटना के बाद भाजपा नेताओं ने संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं पर कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया, जिनमें धारा 115, 117, 125, 131, और 351 शामिल हैं। ये धाराएं गंभीर अपराधों के तहत आती हैं और इनमें सख्त सजा का प्रावधान है।

इन धाराओं की सजा

  • धारा 115: गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश, 1 साल की सजा।
  • धारा 117: तीन साल की सजा।
  • धारा 125: सात साल की सजा।
  • धारा 131: गैर-जमानती धारा, जिसमें आजीवन कारावास या 10 साल की सजा हो सकती है।

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के सांसदों ने उनके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, और महिला सांसदों को संसद में प्रवेश करने से रोका। साथ ही, कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया।

बाबासाहेब आंबेडकर पर विवाद

कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें अमित शाह विपक्ष पर तंज कसते हुए कहते हैं, “अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” कांग्रेस ने इसे आंबेडकर का अपमान बताया, जबकि भाजपा ने इसे विपक्ष की राजनीतिक चाल कहा।


संसद में प्रदर्शनों का भविष्य

संसद गेट पर प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश सांसदों के बीच आपसी झगड़ों को कम करने की कोशिश है। यह कदम संसद की गरिमा बनाए रखने और कार्यवाही को बाधित होने से बचाने के लिए उठाया गया है।


निष्कर्ष

संसद में धक्कामुक्की कांड ने न केवल राजनीतिक विवाद को बढ़ावा दिया, बल्कि सांसदों के आचरण पर सवाल भी खड़े किए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का यह सख्त कदम भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने में मददगार हो सकता है। हालांकि, इस विवाद के प्रभाव लंबे समय तक राजनीतिक बहस का हिस्सा बने रहेंगे।

Disclaimer: यह लेख पूरी तरह से जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है और किसी राजनीतिक पक्ष का समर्थन नहीं करता।