पूर्वी लद्दाख विवाद: LAC मुद्दे पर बातचीत के लिए बीजिंग पहुंचे NSA अजीत डोभाल
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच लंबे समय से जारी तनाव को सुलझाने के प्रयासों के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल बीजिंग पहुंचे हैं। यह दौरा दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और पेट्रोलिंग मुद्दों पर समाधान खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बैठक में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ उनकी वार्ता मुख्य आकर्षण होगी।
LAC विवाद और इसकी पृष्ठभूमि:
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव पिछले कई वर्षों से जारी है। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी बढ़ी है। पेट्रोलिंग अधिकारों को लेकर भी अक्सर विवाद होता रहा है। यह बैठक दोनों देशों के बीच संवाद बहाल करने और समाधान खोजने का प्रयास है।
बैठक का उद्देश्य:
अजीत डोभाल का चीन दौरा मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख में स्थिति सामान्य करने और विश्वास बहाली के उपायों पर केंद्रित है। इस वार्ता का उद्देश्य सीमा विवाद को खत्म करना, दोनों सेनाओं के बीच तनाव कम करना और स्थायी समाधान ढूंढना है।
भारतीय पक्ष की प्राथमिकताएं:
भारत की ओर से इस बैठक में स्पष्ट किया जाएगा कि LAC पर यथास्थिति बनाए रखना और चीन का अपनी सेना को पीछे हटाना प्राथमिकता है। इसके साथ ही, व्यापार और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए सीमा विवाद का समाधान आवश्यक है।
चीनी पक्ष की प्रतिक्रिया:
चीन की ओर से इस वार्ता में सहयोगात्मक रुख अपनाने की संभावना है। हालांकि, पिछले अनुभवों को देखते हुए भारत सतर्क है और किसी भी स्थिति में अपने हितों को सुरक्षित रखना चाहता है।
द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव:
इस बैठक का प्रभाव केवल सीमा विवाद तक सीमित नहीं रहेगा। अगर बातचीत सफल होती है, तो यह भारत-चीन के व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का रास्ता खोल सकती है।
निष्कर्ष:
अजीत डोभाल का यह दौरा भारत और चीन के संबंधों में सुधार और सीमा विवाद के समाधान की दिशा में एक अहम कदम है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देशों के बीच यह वार्ता किस हद तक सकारात्मक परिणाम ला पाती है।