दिल्ली चुनाव में कांग्रेस और आप के बीच बढ़ी खींचतान | गठबंधन पर खतरा
दिल्ली चुनाव: सियासी खींचतान बढ़ी
दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच खींचतान लगातार गहराती जा रही है। INDIA गठबंधन में शामिल इन दोनों दलों के बीच तकरार अब खुले तौर पर दिखाई दे रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने का ऐलान कर दिया है, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अजय माकन बनाम अरविंद केजरीवाल
कांग्रेस नेता अजय माकन ने आम आदमी पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें “फर्जीवाल” करार दिया। उन्होंने केजरीवाल पर देशविरोधी होने तक का आरोप लगाया। इस बयान से सियासी पारा चढ़ गया।
इसके जवाब में दिल्ली की मुख्यमंत्री और आप नेता आतिशी ने कांग्रेस पर बीजेपी से गुप्त समझौते का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस, आप को हराने के लिए बीजेपी से मिलीभगत कर रही है।”
आप की कार्रवाई की मांग
आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस नेतृत्व से अजय माकन पर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह INDIA गठबंधन की अन्य पार्टियों से कांग्रेस को बाहर करने की अपील करेगी।
गठबंधन का भविष्य अधर में
यह लगभग तय हो गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप एक साथ चुनाव नहीं लड़ेंगी। पंजाब में पहले ही गठबंधन से इनकार कर चुकी आप ने दिल्ली में भी यही रुख अपनाया है।
गठबंधन की यह खाई केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। यह INDIA गठबंधन की राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डाल रही है। अगर यह विवाद जारी रहा तो गठबंधन की एकता पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं।
मुस्लिम वोट बैंक पर असर
कांग्रेस और आप के अलग-अलग चुनाव लड़ने से सबसे ज्यादा असर मुस्लिम वोट बैंक पर पड़ सकता है। दिल्ली में मुस्लिम मतदाता लगभग 12% हैं, जो कई विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
2015 और 2020 में मुस्लिम वोटर आप के पक्ष में थे, लेकिन इस बार कांग्रेस और आप के बीच टकराव से वोटों का बंटवारा हो सकता है। इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलने की संभावना है।
बीजेपी को मिल सकता है फायदा
अगर कांग्रेस और आप अलग-अलग चुनाव लड़ती हैं, तो इसका सीधा असर बीजेपी की रणनीति पर पड़ सकता है। मुस्लिम वोटों का विभाजन बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है, खासकर उन सीटों पर जहां मतदाता का फैसला निर्णायक होता है।
निष्कर्ष: गठबंधन पर संकट
कांग्रेस और आप के बीच सियासी खाई बढ़ने से दिल्ली चुनाव में गठबंधन की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है। यह विवाद न केवल दिल्ली बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी असर डाल सकता है। INDIA गठबंधन की एकता बनाए रखना अब एक बड़ी चुनौती बन गया है।