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कंगाल पाकिस्तान से हथियार खरीद रहा बांग्लादेश: शर्मनाक डील और विवाद

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बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए एक हथियार सौदे ने दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित किया है। बांग्लादेश, जहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं, अब पाकिस्तान से हथियार और गोला-बारूद खरीद रहा है। यह सौदा करीब 52 साल बाद हुआ है और इसे लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर विवाद उठ रहे हैं।

हथियारों की खरीदारी की वजह

बांग्लादेश को अपनी सैन्य आपूर्ति के लिए एक नया स्रोत चाहिए था, क्योंकि उसकी फौज के पास गोला-बारूद और रायफलों के राउंड खत्म होने के कगार पर थे। जब अन्य देशों से हथियारों की खरीद की बात की गई, तो बांग्लादेश को संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद, बांग्लादेश ने पाकिस्तान से हथियार खरीदने का फैसला किया।

पाकिस्तान की कंगाली और डील

पाकिस्तान, जो आजकल गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, के लिए यह सौदा एक सुनहरा अवसर था। पाकिस्तान ने बांग्लादेश से साफ तौर पर कहा कि पहले पैसा दीजिए, फिर हम हथियार आपूर्ति करेंगे। यह डील पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को दर्शाती है, जो अब तक इतनी कंगाली में है कि वह किसी भी कीमत पर हथियारों की बिक्री करने के लिए तैयार है।

बांग्लादेश सरकार और दलाली का आरोप

इस खरीदारी को लेकर बांग्लादेश सरकार भी सवालों के घेरे में है। खबरों के अनुसार, बांग्लादेशी सेना और सरकार के कई अधिकारी, विशेषकर मोहम्मद यूनुस, पर इस सौदे में दलाली लेने का आरोप लगाया जा रहा है। यूनुस सरकार पर यह आरोप है कि उन्होंने इस डील में बिचौलियों का इस्तेमाल किया और व्यक्तिगत लाभ लिया। इससे बांग्लादेशी सरकार की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठ रहे हैं।

हथियारों की आपूर्ति

बांग्लादेश ने पाकिस्तान से करीब 50,000 राउंड गोला-बारूद, 3,000 यूनिट टैंक गोला-बारूद, 50 टन आरडीएक्स विस्फोटक, और 20,000 राउंड गोला-बारूद का ऑर्डर दिया है। यह एक बहुत बड़ा सौदा है, खासकर बांग्लादेश के संदर्भ में। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान से जो पानी का जहाज बांग्लादेश पहुंचा है, उसमें कितने हथियार और गोला-बारूद हैं।

निष्कर्ष

इस डील ने बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के बीच यह हथियारों की खरीदारी और सरकार की भूमिका पर उठते सवाल केवल बांग्लादेश की अंदरूनी स्थिति को और जटिल बना रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान की कंगाली और तंगहाली भी इस डील में उजागर हो गई है, जो खुद अपनी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है और बांग्लादेश से तुरंत पैसे की मांग कर रहा है।