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बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न और चिन्मय प्रभु पर लगे झूठे आरोप: दुनिया भर से उठ रही आवाजें

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बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ वैश्विक समुदाय से आवाजें उठने लगी हैं। देश में हिंदू घरों और मंदिरों पर हो रहे हमलों, गर्भवती महिलाओं की हत्याओं और अन्य बर्बरताओं के विरोध में दुनियाभर के हिंदू संगठनों, मानवाधिकार समूहों और वैश्विक नेताओं ने बांग्लादेश सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। इन घटनाओं के बीच, बांग्लादेश के एक धार्मिक नेता, चिन्मय प्रभु (चिन्मय कृष्ण दास) पर लगाए गए देशद्रोह के आरोप भी सुर्खियों में हैं।

चिन्मय प्रभु पर झूठा आरोप

चिन्मय प्रभु को हाल ही में बांग्लादेश के झंडे को अपमानित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जब एक वीडियो सामने आया जिसमें उनका कथित रूप से बांग्लादेश के झंडे के ऊपर भगवा झंडा लगाने का दावा किया गया। हालांकि, एक पाकिस्तानी पत्रकार सलाह उद्दीन शोएब चौधरी ने एक वीडियो पोस्ट किया, जो इस आरोप को सिरे से खारिज करता है।

चौधरी ने वीडियो में यह दिखाया कि जिस झंडे को चिन्मय प्रभु ने कथित रूप से अपमानित किया था, वह वास्तव में बांग्लादेश का झंडा नहीं था। बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज हरे रंग का होता है, जिसमें एक लाल गोला केंद्र में होता है और इसमें चांद-तारे का निशान नहीं होता है। जिस झंडे को चिन्मय प्रभु ने अपनी गतिविधि में इस्तेमाल किया था, उसमें चांद-तारे का निशान था, जो बांग्लादेश का आधिकारिक झंडा नहीं है। इससे साफ होता है कि यह आरोप पूरी तरह से झूठा था।

बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी

वीडियो में यह भी कहा गया कि अगर बांग्लादेश सरकार यह आरोप सच मानती है, तो उन्हें पहले उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने बांग्लादेश के झंडे के साथ छेड़छाड़ की। लेकिन, इसके बजाय बांग्लादेश पुलिस ने चिन्मय प्रभु को गिरफ्तार किया, और हिंदू समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमले

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों के विरोध में पूरी दुनिया से आवाजें उठ रही हैं। हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और घरों पर हमलों के बाद, ब्रिटेन और अमेरिका में इन अत्याचारों के खिलाफ कड़ी आलोचना हुई। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है, और ब्रिटेन को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

अमेरिका में भी हिंदू अमेरिकी संगठनों ने बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए मांग की है कि वहां अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। इन संगठनों ने बाइडेन प्रशासन और ट्रंप प्रशासन दोनों से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है।

निष्कर्ष

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ वैश्विक समुदाय का दबाव लगातार बढ़ रहा है। चिन्मय प्रभु पर लगे झूठे आरोप और बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और भी जटिल बना दिया है। यह समय है कि बांग्लादेश सरकार अपने अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाए और उन्हें सुरक्षा प्रदान करे।