यूक्रेन को अंधेरे में डुबोने के बाद पुतिन ने दी नई चेतावनी, अगला हमला कीव पर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर बड़े पैमाने पर हमले किए, जिससे देश के बड़े हिस्से में अंधेरा छा गया और 1 करोड़ से ज्यादा लोग बिना बिजली के रात बिताने को मजबूर हो गए। इन हमलों को पुतिन ने अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई मिसाइलों के उपयोग का प्रतिशोध बताया और इस पर प्रतिक्रिया में यह दावा किया कि रूस का अगला टारगेट कीव का “निर्णय लेने वाला केंद्र” होगा।
बिजली संकट का कारण और सर्दियों में मुसीबत
रूस के हमले के कारण यूक्रेन में भारी बिजली कटौती हो रही है, और सर्दियों में यह स्थिति और भी बिगड़ने की संभावना है। रूस का उद्देश्य यूक्रेन को बिजली संकट में डालकर उसे दबाव में लाना और उसकी रक्षा क्षमता को कमजोर करना है। हाल ही में यूक्रेन ने अपने परमाणु संयंत्रों को ग्रिड से काटकर सुरक्षा के उपाय किए थे, क्योंकि इन संयंत्रों से ही देश की बिजली आपूर्ति का अधिकांश हिस्सा मिलता है।
पुतिन की चेतावनी: कीव पर हाइपरसोनिक हमले
रूस ने अपनी रणनीति में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए कहा है कि अब वे कीव में स्थित महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों को हाइपरसोनिक मिसाइलों से निशाना बना सकते हैं। इससे यूक्रेन का मनोबल टूटने का खतरा है, जैसा कि हाल ही में हुआ था जब रूस ने हाइपरसोनिक मिसाइलों का पहली बार इस्तेमाल किया और यूक्रेनी संसद को बंद करने का आदेश दिया।
अमेरिकी प्रतिक्रिया
इन हमलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कड़ी निंदा की और इसे “अपमानजनक” करार दिया। बिडेन ने कहा कि रूस के इन हमलों का उद्देश्य केवल यूक्रेनी नागरिकों को परेशान करना और उन्हें सर्दियों में और अधिक मुश्किलों का सामना कराना है।
यूक्रेन की स्थिति
यूक्रेन इस समय अपने नागरिकों को बिजली संकट से बचाने के लिए सभी संभव उपाय कर रहा है, लेकिन रूस की लगातार हमलावर नीति ने उसकी स्थिति को और भी कठिन बना दिया है। यह युद्ध अब केवल सैनिकों की लड़ाई तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि एक व्यापक ऊर्जा युद्ध का रूप ले चुका है।
पुतिन की तरफ से दी गई चेतावनियों और हमलों के बाद, यूक्रेन को न केवल अपनी रक्षा बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी कई नई रणनीतियों पर विचार करना पड़ेगा।