सर्दियों में खराब एयर क्वालिटी: फेफड़ों के लिए खतरनाक, जानें कैसे करें बचाव
सर्दियों में सांस लेना हुआ मुश्किल
उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम फेफड़ों की समस्याओं को और गंभीर बना रहा है। ठंड के साथ बढ़ता वायु प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों को तेज़ी से बढ़ा रहा है। इंडियन जर्नल ऑफ चेस्ट डिजीज एंड एलाइड साइंसेज के अनुसार, सर्दियों में खराब एयर क्वालिटी अस्थमा और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है।
खराब एयर क्वालिटी के कारण और असर
1. ठंड और वायु प्रदूषण का घातक मिश्रण
सर्दियों में ठंड के कारण वायुमंडल में प्रदूषक कण जमीन के करीब बने रहते हैं। यह हवा की गुणवत्ता को खराब कर देता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
2. श्वसन तंत्र पर प्रभाव
ये प्रदूषक कण सांस नली में सूजन और जलन पैदा करते हैं। यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों को और गंभीर बना देता है।
3. इम्यूनिटी पर असर
प्रदूषण के कण इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं, जिससे शरीर संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो जाता है।
बढ़ती एलर्जी और संक्रमण के मामले
1. बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक असर
ठंड के मौसम में बच्चे और बुजुर्ग कमजोर इम्यूनिटी के कारण जल्दी बीमार हो जाते हैं। एलर्जी, वायरल संक्रमण और सांस संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
2. अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या
अस्पतालों में सांस से जुड़े मरीजों की संख्या 40% तक बढ़ गई है। इनमें अस्थमा, खांसी और फेफड़ों की अन्य समस्याओं के मरीज शामिल हैं।
भारत में वायु प्रदूषण से मौतें
1. हर साल 20 लाख मौतें
भारत में हर साल 20 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से अधिकतर मौतें सर्दियों के दौरान होती हैं।
2. गंभीर बीमारियों का खतरा
वायु प्रदूषण के कारण दिल की बीमारियां, निमोनिया, मानसिक रोग और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें बचाव?
1. मास्क का इस्तेमाल करें
बाहर निकलते समय एन95 मास्क पहनें ताकि प्रदूषण से बचाव हो सके।
2. एयर प्यूरीफायर का उपयोग
घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाएं ताकि हवा शुद्ध हो सके।
3. डाइट और पानी का ध्यान रखें
बैलेंस डाइट लें और गुनगुने पानी का सेवन करें।
4. सुबह-शाम बाहर जाने से बचें
सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है। इस समय सैर करने से बचें।
निष्कर्ष
सर्दियों में बढ़ता वायु प्रदूषण केवल पर्यावरण के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बड़ा खतरा है। खासतौर पर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और आवश्यक सावधानियां रखकर आप इस समस्या से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।