Uncategorizedअंतरराष्ट्रीयअपराधब्रेकिंग न्यूज़

पाकिस्तान में बिगड़ते हालात: इस्लामाबाद में हिंसा, 6 सुरक्षाकर्मियों की मौत, सेना तैनात

Spread the love

इस्लामाबाद में इमरान खान के समर्थकों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। राजधानी में हुई झड़पों में अब तक 6 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। स्थिति को काबू में लाने के लिए गृह मंत्रालय ने सेना तैनात कर दी है और अधिकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है।

प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग और हिंसा

इमरान खान की जेल से रिहाई की मांग को लेकर उनके सैकड़ों समर्थकों ने इस्लामाबाद में मार्च निकाला। सोमवार रात और मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में 4 अर्धसैनिक रेंजर्स और 2 पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने डी-चौक की ओर बढ़ते हुए बैरिकेड्स तोड़े और पुलिस से भिड़ गए।

सेना तैनात और सख्त आदेश

हालात को नियंत्रित करने के लिए गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने सेना को तैनात करने का आदेश दिया। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अधिकारियों को कर्फ्यू लगाने और हिंसा फैलाने वालों पर गोली चलाने की इजाजत दी गई है। गृह मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वे रेड लाइन पार न करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डी-चौक बना विरोध का केंद्र

डी-चौक, जो राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, संसद, और सुप्रीम कोर्ट के करीब है, प्रदर्शनकारियों का मुख्य केंद्र बन गया है। सरकार ने उन्हें डी-चौक की बजाय संगजानी में प्रदर्शन करने का विकल्प दिया था, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए।

सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवाएं बाधित

विरोध प्रदर्शनों के चलते पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक की सेवाएं बाधित हो गई हैं। कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं।

बुशरा बीबी का संदेश

इमरान खान की पत्नी, बुशरा बीबी, ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक इमरान खान खुद अगला कदम तय नहीं करते। उन्होंने कहा, “मैं अपनी आखिरी सांस तक यहां खड़ी रहूंगी। यह लड़ाई केवल मेरे पति की नहीं, बल्कि देश के भविष्य की है।”

प्रदर्शन से उपजे गंभीर हालात

इमरान खान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का यह आंदोलन अब सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गंभीर टकराव का रूप ले चुका है। सरकारी तंत्र और प्रदर्शनकारी, दोनों ही पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। हालात पर काबू पाने के लिए सेना की मौजूदगी और सख्त कदम उठाने के आदेश सरकार की गंभीर चिंता को दर्शाते हैं।