मोटे ही नहीं, दुबले-पतले लोग भी हो सकते हैं टाइप-2 डायबिटीज के शिकार | रिसर्च का नया खुलासा

मोटे ही नहीं, दुबले-पतले लोग भी हो सकते हैं टाइप-2 डायबिटीज के शिकार | रिसर्च का नया खुलासा
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डायबिटीज को लेकर आम धारणा बदलने की जरूरत

डायबिटीज को आमतौर पर मोटे लोगों की समस्या माना जाता है, लेकिन हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद में हुई रिसर्च ने इस धारणा को बदल दिया है। स्टडी में यह बात सामने आई है कि दुबले-पतले लोग भी टाइप-2 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।

यह स्टडी नॉर्मल वेट ओबेसिटी (NWO) और टाइप-2 डायबिटीज के बीच संबंधों पर आधारित थी। नॉर्मल वेट ओबेसिटी का मतलब है कि व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) सामान्य होता है, लेकिन उनके शरीर में फैट का प्रतिशत ज्यादा होता है।


नॉर्मल वेट ओबेसिटी: एक छिपा हुआ खतरा

एक हेल्दी व्यक्ति का BMI 18.5 से 24.9 के बीच होता है। लेकिन अगर पुरुषों के शरीर में 25% और महिलाओं में 32% से अधिक बॉडी फैट पाया जाता है, तो इसे नॉर्मल वेट ओबेसिटी माना जाता है। यह स्थिति टाइप-2 डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।


रिसर्च के चौंकाने वाले आंकड़े

यह स्टडी अहमदाबाद के एम पी शाह सरकारी मेडिकल कॉलेज में की गई, जहां 432 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से 33% लोगों में नॉर्मल वेट ओबेसिटी के लक्षण पाए गए।

  • नॉर्मल BMI के 91% पुरुषों और 51.8% महिलाओं में अधिक बॉडी फैट पाया गया।
  • इन व्यक्तियों में हायर कार्डियोमेटाबॉलिक रिस्क देखा गया।
  • इन लोगों में ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं ज्यादा पाई गईं।

कम वजन वाले लोग भी प्रभावित

रिसर्च में पाया गया कि कम वजन वाले लोग भी इस खतरे से अछूते नहीं हैं।

  • पुरुषों का औसत BMI 23.9 और महिलाओं का औसत BMI 24.1 था।
  • पुरुषों में बॉडी फैट लगभग 38.9% और महिलाओं में 34% था।
  • यहां तक कि कम BMI वाले पुरुषों में 100% और महिलाओं में 50% बॉडी फैट अधिक पाया गया।

एक्सपर्ट्स की राय

डायबिटीज विशेषज्ञों का मानना है कि नॉर्मल वेट ओबेसिटी पारंपरिक मोटापे से ज्यादा खतरनाक है। अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि उनका सामान्य वजन उन्हें किसी भी स्वास्थ्य समस्या से सुरक्षित रखेगा। इस भ्रम के चलते लोग अपनी लाइफस्टाइल और खानपान पर ध्यान नहीं देते।


बचाव के तरीके

  • नियमित शारीरिक जांच करवाएं।
  • BMI के साथ बॉडी फैट एनालिसिस पर भी ध्यान दें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद शामिल हो।
  • ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की समय-समय पर जांच करवाएं।

निष्कर्ष

यह रिसर्च न केवल डायबिटीज के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सामान्य वजन होना हमेशा स्वस्थ होने की गारंटी नहीं है। हमें अपने शरीर और स्वास्थ्य की गहराई से समझ रखने की जरूरत है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।