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तमिलनाडु BJP अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने खुद को क्यों मारे कोड़े? जानें पूरी कहानी

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तमिलनाडु में विरोध का अनोखा तरीका: के. अन्नामलाई

तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शुक्रवार को अपने घर के सामने खुद को कोड़े मारने का अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। यह कदम उन्होंने अन्ना यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ उठाया। उन्होंने पहले वादा किया था कि वह राज्य की द्रमुक (DMK) सरकार गिरने तक चप्पल नहीं पहनेंगे और नंगे पैर चलेंगे।


कोड़े मारने के पीछे की वजह

अन्नामलाई ने अन्ना यूनिवर्सिटी की घटना को राज्य में व्याप्त अन्याय का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा,

“तमिल संस्कृति में खुद को दंडित करना और कठिन परिस्थितियों से गुजरना अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का हिस्सा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका यह कदम राज्य में सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर गहरा सवाल उठाता है।


आरोपी पर गंभीर आरोप

अन्नामलाई ने कहा कि आरोपी द्रमुक पार्टी का करीबी है और इसी वजह से पुलिस ने कार्रवाई में देरी की। आरोपी ज्ञानशेखरन के खिलाफ पहले से 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसने पीड़िता को धमकाया था और अपनी बात मानने पर मजबूर किया।


द्रमुक सरकार पर आरोप

अन्नामलाई ने द्रमुक सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि द्रमुक से जुड़े लोग अपराध कर रहे हैं और उनके खिलाफ मामले दबाए जा रहे हैं।


राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इस घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने तमिलनाडु पुलिस को आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी और सभी एफआईआर की प्रतियां मांगी हैं। उन्होंने पुलिस पर पीड़िता की जानकारी सार्वजनिक करने का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।


चप्पल नहीं पहनने का संकल्प

अन्नामलाई ने अपने विरोध के तौर पर द्रमुक सरकार हटने तक चप्पल नहीं पहनने का संकल्प लिया। उनका कहना है कि नंगे पैर चलकर वह जनता के बीच अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगे।


विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद अन्नाद्रमुक, भाजपा और माकपा जैसे विपक्षी दलों ने सरकार और पुलिस की आलोचना की है। उन्होंने पीड़िता की जानकारी सार्वजनिक करने पर कड़ी निंदा की और इसे न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन बताया।


निष्कर्ष

अन्ना यूनिवर्सिटी की घटना ने तमिलनाडु में राजनीति और प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। के. अन्नामलाई का विरोध प्रदर्शन जनता का ध्यान इस मुद्दे की ओर खींचने में सफल रहा। यह घटना सरकार और पुलिस प्रशासन की भूमिका पर नए सिरे से बहस छेड़ने का कारण बनी है।