नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग उठाई। उन्होंने संसद में कहा कि सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गारंटीकृत लाभ देने के लिए जनगणना बेहद जरूरी है।
जनगणना से जुड़े सोनिया गांधी के मुख्य तर्क
🔹 खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए: सोनिया गांधी ने कहा कि जनगणना में देरी के कारण कई पात्र नागरिकों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
🔹 मौलिक अधिकार का मामला: उन्होंने जोर देते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि नागरिकों का मौलिक अधिकार है, इसलिए सरकार को जल्द से जल्द जनगणना करानी चाहिए।
🔹 जनगणना से लाभार्थियों की सही पहचान: जनगणना से सरकार को पता चलेगा कि कितने लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं और कितने लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत सस्ता अनाज मिलना चाहिए।
जनगणना में देरी क्यों हो रही है?
भारत में हर 10 साल में जनगणना होती है, लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी और प्रशासनिक देरी के चलते टल गई। अब तक सरकार ने इसके नए शेड्यूल की घोषणा नहीं की है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से अभी इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है, लेकिन केंद्र पहले ही कह चुका है कि जनगणना की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
📌 क्या सरकार जल्द जनगणना कराएगी? यह देखने वाली बात होगी, लेकिन सोनिया गांधी के इस बयान के बाद यह मुद्दा फिर से राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।