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पीएम मोदी ने दिल्ली में तीन कॉलेजों का शिलान्यास किया, आतिशी ने किया पलटवार

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पीएम मोदी ने किया तीन कॉलेजों का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दिल्ली में तीन नए कॉलेजों की आधारशिला रखी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह कदम राजधानी में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पीएम ने कहा कि ये कॉलेज आने वाले सालों में युवाओं के लिए बेहतरीन अवसर लेकर आएंगे।

हालांकि, इन कॉलेजों को बनकर तैयार होने और शैक्षणिक सत्र शुरू होने में अभी कुछ साल लग सकते हैं।


आतिशी ने कसा तंज

दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने इस शिलान्यास पर तीखा हमला करते हुए कहा, “दस साल तक देश का प्रधानमंत्री रहने के बाद पीएम मोदी ने राजधानी दिल्ली में केवल तीन कॉलेजों की आधारशिला रखी है।” उन्होंने इसे शिक्षा के प्रति केंद्र सरकार के उदासीन रवैये का उदाहरण बताया।

आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पिछले दस सालों में दिल्ली के बच्चों के लिए बेहतरीन शिक्षा का माहौल तैयार किया है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा:

  • 2014 में दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालयों में 83,600 सीटें थीं, जो अब बढ़कर 1,55,000 हो गई हैं।
  • तीन नए विश्वविद्यालय खोले गए:
    • दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय
    • दिल्ली खेल विश्वविद्यालय
    • दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय
  • मौजूदा विश्वविद्यालयों में छह नए परिसर और 27 नए कॉलेज जोड़े गए।

पीएम मोदी का पलटवार

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि पिछले दस सालों से दिल्ली में सत्ता पर काबिज लोगों ने स्कूली शिक्षा का नुकसान किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के लिए दिए गए फंड का आधा भी खर्च नहीं किया।


केजरीवाल सरकार की उपलब्धियां

आतिशी ने केजरीवाल सरकार की शिक्षा नीतियों को लेकर कहा कि:

  • सरकारी स्कूलों का स्तर इतना सुधारा गया है कि निजी स्कूलों से बेहतर प्रदर्शन हो रहा है।
  • दिल्ली के छात्र कॉलेज से निकलने के बाद लाखों के पैकेज पर नौकरी कर रहे हैं।
  • नई तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के लिए कई पहल की गई हैं।

निष्कर्ष

दिल्ली में शिक्षा को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां एक ओर पीएम मोदी ने तीन नए कॉलेजों की नींव रखी है, वहीं दूसरी ओर केजरीवाल सरकार ने पिछले दस सालों में अपने सुधारात्मक कदमों को सामने रखा है।

इस बहस के बीच दिल्ली के लोगों को उम्मीद है कि शिक्षा क्षेत्र में हो रहे ये प्रयास छात्रों को बेहतर भविष्य देंगे।