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18 साल की नीलम भारद्वाज ने क्रिकेट में रच दिया इतिहास, सबसे कम उम्र में दोहरा शतक

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नीलम भारद्वाज का दोहरा शतक: 18 साल की उम्र में क्रिकेट में नया इतिहास


उत्तराखंड की नीलम भारद्वाज ने रचा इतिहास

उत्तराखंड की युवा क्रिकेटर नीलम भारद्वाज ने क्रिकेट के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। 18 साल की नीलम भारद्वाज ने लिस्ट ए मैच में दोहरा शतक लगाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला क्रिकेटर बनने का गर्व हासिल किया है। उनका यह शानदार प्रदर्शन 10 दिसंबर, 2024 को सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी के दौरान नागालैंड के खिलाफ हुआ। नीलम ने 137 गेंदों पर 202 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसके चलते उत्तराखंड ने नागालैंड को 259 रन से हराया।


नीलम का तूफानी शतक और पारी

नीलम ने अपनी पारी में 27 चौके और 2 छक्के लगाए। उन्होंने मैदान के चारों ओर शॉट्स खेले और नागालैंड के गेंदबाजों की धुनाई की। उनकी इस शानदार पारी ने उत्तराखंड को बड़ी जीत दिलाई। इस दौरान, उत्तराखंड के गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें अनुभवी गेंदबाज एकता बिष्ट ने 1.40 की इकॉनमी रेट से पांच विकेट चटकाए।


भारतीय महिला क्रिकेट में दोहरे शतक की परंपरा

नीलम भारद्वाज का यह दोहरा शतक भारतीय महिला क्रिकेट में एक नया अध्याय जोड़ता है। इससे पहले, भारतीय महिला क्रिकेटरों में स्मृति मंधाना और मिताली राज भी दोहरा शतक लगा चुकी हैं। स्मृति मंधाना ने 2013-14 में गुजरात अंडर-19 के खिलाफ 224 रन की नाबाद पारी खेली थी, जबकि मिताली राज ने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ 214 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी।


नीलम भारद्वाज की प्रेरणादायक कहानी

नीलम भारद्वाज की यात्रा किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उत्तराखंड के रामनगर रेलवे स्टेशन के पास कुमाऊं की झुग्गियों से आने वाली नीलम ने अपने कठिन हालात के बावजूद क्रिकेट में सफलता पाई। उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, और परिवार की एकमात्र कमाई का साधन थे। 2020 में एक दुखद दुर्घटना ने उनके परिवार को आर्थिक मुश्किलों में डाल दिया, लेकिन नीलम ने अपने सपनों को छोड़ने की बजाय उन्हें पूरा करने का दृढ़ संकल्प लिया।


निष्कर्ष

नीलम भारद्वाज का दोहरा शतक भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें इस रिकॉर्ड तक पहुंचाया, जो न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का कारण है।