दिल्ली की बिजली कंपनियों को अडानी को सौंपने का दबाव: केजरीवाल ने विधानसभा में उठाया सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज विधानसभा में एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की बिजली कंपनियों को अडानी समूह को सौंपने का दबाव उन पर बनाया गया था। केजरीवाल ने विधानसभा में बोलते हुए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने उन्हें इस मामले में दबाव डालने की कोशिश की थी।
केजरीवाल का आरोप: भाजपा ने किया था दबाव
केजरीवाल ने कहा, “भाजपा की सरकार ने हमें दिल्ली की बिजली कंपनियों को अडानी को सौंपने का दबाव बनाया। यह दबाव सीधे-सीधे कंपनियों के निजीकरण को लेकर था, और भाजपा के कुछ नेताओं के लिए अडानी समूह का हित पहले था।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस बारे में स्पष्ट रूप से बयान देने के लिए तैयार हैं और यदि भाजपा के पास इस बात का कोई विरोध है, तो वे इसे सार्वजनिक रूप से घोषणा करें।
भाजपा को दी चुनौती
केजरीवाल ने विधानसभा में भाजपा को चुनौती दी कि वह इस बात की घोषणा करें कि क्या उन्होंने वास्तव में दिल्ली की बिजली कंपनियों को अडानी को सौंपने का दबाव डाला था। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम दिल्लीवासियों के हित में नहीं था और यदि ऐसा किया गया होता तो इससे आम जनता को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता।
बिजली कंपनियों के निजीकरण पर विवाद
दिल्ली में बिजली कंपनियों के निजीकरण को लेकर पिछले कुछ वर्षों से विवाद चल रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी और बिजली दरों में कमी के बावजूद, विपक्ष और कुछ व्यापारिक समूहों की ओर से इस कदम की आलोचना की जाती रही है। केजरीवाल ने बार-बार कहा है कि उनकी सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों के कामकाज में सुधार किया है, जिससे आम जनता को राहत मिली है।
निष्कर्ष
केजरीवाल के इस बयान से दिल्ली में बिजली कंपनियों के भविष्य को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने भाजपा के खिलाफ सीधे आरोप लगाते हुए इस मुद्दे को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया है। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।