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गडकरी का बड़ा बयान: 2030 तक भारत बनेगा इलेक्ट्रिक वाहन हब, चीन को पछाड़ने की तैयारी

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भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार: गडकरी का बड़ा ऐलान

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार को लेकर गुरुवार को एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने बताया कि 2030 तक भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इस बाजार में लगभग 5 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। गडकरी ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया।


फॉसिल फ्यूल से हो रही समस्याओं पर चिंता

गडकरी ने अपने भाषण में फॉसिल फ्यूल के बढ़ते आयात और उससे हो रही समस्याओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत हर साल लगभग 22 लाख करोड़ रुपये का फॉसिल फ्यूल आयात करता है, जो देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव डाल रहा है। सरकार अब ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबल सोर्सेज पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

ग्रीन एनर्जी पर सरकार का फोकस

गडकरी ने कहा कि भारत की 44% ऊर्जा सौर और जलविद्युत जैसे ग्रीन एनर्जी सोर्सेज से आती है। बायोमास और सोलर एनर्जी के जरिए ग्रीन एनर्जी का विस्तार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।


देश को चाहिए एक लाख इलेक्ट्रिक बसें

गडकरी ने इलेक्ट्रिक बसों की कमी को देश के विकास में बड़ी रुकावट बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश को एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है, लेकिन उत्पादन क्षमता सिर्फ 50,000 बसों की है। उन्होंने ऑटोमोबाइल कंपनियों से अपील की कि वे अपने उत्पादन में विस्तार करें और क्वालिटी पर समझौता किए बिना नई तकनीक अपनाएं।


अमेरिका और चीन को चुनौती देने की तैयारी

गडकरी ने बताया कि भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर वर्तमान में दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जो जापान को पीछे छोड़ चुका है। चीन और अमेरिका के बाद भारत सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन चुका है।

चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत चीन को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर पहुंच सकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बेहतर तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की आवश्यकता है।


लिथियम-आयन बैटरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर

गडकरी ने बताया कि भारत में लिथियम-आयन बैटरियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। टाटा, अडानी और मारुति जैसी प्रमुख कंपनियां बैटरियों के निर्माण में जुटी हैं। देश में 16,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले से मौजूद हैं, और 2,800 नए स्टेशन पाइपलाइन में हैं।


रोजगार और आर्थिक विकास का नया युग

2030 तक भारत का EV बाजार न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि यह 5 करोड़ रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। यह भारत के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद और विकास का प्रतीक बन सकता है।


निष्कर्ष

भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और नितिन गडकरी की योजनाएं इस विकास को गति देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। यह कदम न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन में भी मदद करेगा।

Disclaimer: यह लेख जागरूकता और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। सरकारी नीतियों और योजनाओं पर आधारित है।