गोल बेस्ड इनवेस्टिंग क्या है? जानें आसान तरीके से कैसे पाएं शानदार रिटर्न
गोल बेस्ड इनवेस्टिंग क्या है?
गोल बेस्ड इनवेस्टिंग एक ऐसा निवेश तरीका है, जिसमें आप अपने जीवन के विभिन्न लक्ष्यों के आधार पर अपनी बचत और निवेश की योजना बनाते हैं। यह तरीका आपको यह समझने में मदद करता है कि आपके हर गोल के लिए कितनी राशि की आवश्यकता है और आपको कहां और कैसे निवेश करना चाहिए ताकि आप अपने लक्ष्यों को समय पर पूरा कर सकें।
गोल सेट करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
महंगाई और समय का ध्यान रखें
जब आप गोल बेस्ड इनवेस्टिंग की शुरुआत करते हैं, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप महंगाई और समय का सही अनुमान लगा रहे हैं। महंगाई आपके लक्ष्यों के लिए आवश्यक धनराशि को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप समय के साथ अपनी निवेश राशि को बढ़ाते रहें।
गोल के हिसाब से निवेश की रणनीति बनाएं
प्राथमिकता तय करें
अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता दें। उदाहरण के लिए, यदि आप घर खरीदने के लिए पैसा बचा रहे हैं, तो यह आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हो सकता है। इसके बाद, बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट, या अन्य व्यक्तिगत लक्ष्यों के लिए भी अलग-अलग प्राथमिकताएं निर्धारित करें।
कितना निवेश करना है, यह समझें
किसी भी गोल को पूरा करने के लिए आपको यह समझना होगा कि कितने पैसों की आवश्यकता होगी। इसके लिए आपको महंगाई दर और लक्ष्यों को पूरा करने में लगने वाले समय का विश्लेषण करना होगा।
निवेश की जगहों का चयन करें
कम जोखिम वाले निवेश के विकल्प
सभी गोलों के लिए एक जैसा निवेश विकल्प नहीं होना चाहिए। कुछ गोल जल्दी पूरे होने वाले होते हैं, जैसे बच्चों की शिक्षा या घर खरीदना, तो इनके लिए कम जोखिम वाले निवेश जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट्स या सरकारी बॉंड्स सही रहेंगे। वहीं, लंबे समय के लिए जैसे रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
निवेश में अनुशासन बनाए रखें
ऑटोमेटिक इनवेस्टमेंट
अपने निवेश को नियमित बनाने के लिए आप ऑटोमेटिक इनवेस्टमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे हर महीने आपकी सैलरी से पैसे स्वत: ही निवेश खाते में ट्रांसफर हो जाएंगे, जिससे आपको कोई भी कदम उठाने में परेशानी नहीं होगी।
सतर्क और अनुशासित रहें
निवेश करते समय कभी भी भावनाओं में बहकर निर्णय न लें। बाजार में उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन यह जरूरी है कि आप अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें और अनुशासन बनाए रखें।
नियमित रिव्यू और रीबैलेंस
समय-समय पर अपने निवेश और गोलों का रिव्यू करें। अगर आपकी स्थिति बदलती है तो निवेश को रीबैलेंस करें, ताकि आप अपने लक्ष्य से दूर न जाएं।
वित्तीय सलाह लें
अगर आप किसी गोल को पूरा करने के लिए सही निवेश विकल्प चुनने में उलझन में हैं, तो एक विशेषज्ञ से सलाह लें। वे आपकी स्थिति के अनुसार एक कस्टमाइज्ड निवेश योजना बना सकते हैं।