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पाकिस्तान में शिया-सुन्नी हिंसा पर संघर्ष विराम: 7 दिनों की राहत, 88 लोगों की मौत के बाद सहमति

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खैबर पख्तूनख्वा में सांप्रदायिक संघर्ष

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का कुर्रम जिला बीते कुछ दिनों से शिया-सुन्नी हिंसा की आग में झुलस रहा था। इस हिंसा में अब तक 88 लोगों की मौत हो चुकी है। आखिरकार, सरकारी प्रयासों के बाद दोनों समुदाय 7 दिनों के संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं।

संघर्ष विराम के पीछे सरकार की पहल

प्रांतीय सरकार ने दोनों समुदायों के नेताओं से बातचीत कर संघर्ष विराम की सहमति बनाई है। साथ ही विवाद को हल करने के लिए उच्च स्तरीय आयोग का गठन किया गया है। सरकारी प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि यह कदम तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

शव और बंदियों की वापसी का फैसला

समझौते के तहत दोनों समुदाय एक-दूसरे के बंदियों और मारे गए सदस्यों के शवों को लौटाने के लिए सहमत हुए हैं। इससे इलाके में शांति की उम्मीद जगी है।

हिंसा का कारण और घटनाक्रम

हिंसा की शुरुआत पिछले गुरुवार को हुई, जब शिया मुसलमानों को ले जा रहे एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। इसके बाद जवाबी हमलों की श्रृंखला शुरू हो गई, जिसने सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया।

कुर्रम जिले में पुरानी है सांप्रदायिक हिंसा की समस्या

कुर्रम जिले में शिया-सुन्नी हिंसा का इतिहास काफी पुराना है। इस साल सितंबर में भी ऐसी हिंसा में 60 लोगों की मौत हुई थी।

समाधान की ओर प्रयास

सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयास जारी रहेंगे। प्रतिनिधिमंडल द्वारा स्थानीय नेताओं से बातचीत में सकारात्मक प्रगति हुई है।

शांति की उम्मीद

संघर्ष विराम के साथ-साथ आयोग के गठन और शव-बंदी वापसी के निर्णय से इस क्षेत्र में स्थायी समाधान की उम्मीद बंधी है। हालांकि, इलाके के इतिहास को देखते हुए आने वाले दिनों में शांति बहाल करने की चुनौती अब भी बनी हुई है।

यह संघर्ष विराम पाकिस्तान के लिए शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।