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भारत में C-सेक्शन डिलीवरी: रिसर्च में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

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भारत में C-सेक्शन डिलीवरी का बढ़ता प्रचलन

भारत में सी-सेक्शन (C-section) डिलीवरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

  • खासकर शहरी इलाकों और अधिक शिक्षित महिलाओं के बीच यह प्रक्रिया अधिक प्रचलित हो रही है।
  • हाल ही में एक रिसर्च ने इस प्रवृत्ति के पीछे के कारणों और प्रभावों पर प्रकाश डाला है।

रिसर्च में क्या आया सामने?

रिसर्च के मुताबिक, शहरी और आर्थिक रूप से मजबूत वर्ग में सामान्य प्रसव की बजाय C-सेक्शन डिलीवरी को प्राथमिकता दी जा रही है।

  • आंकड़े:
    • शहरी महिलाओं में C-सेक्शन डिलीवरी का प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं की तुलना में दोगुना है।
    • प्राइवेट अस्पतालों में सी-सेक्शन डिलीवरी के मामले 60-70% तक हैं।

क्या हैं इस बढ़ती प्रवृत्ति के कारण?

  1. सुरक्षा और सुविधा:
    कई महिलाएं और डॉक्टर सी-सेक्शन को अधिक सुरक्षित मानते हैं।
  2. मेडिकल आवश्यकताएं:
    कुछ मामलों में, जटिल परिस्थितियों के कारण C-सेक्शन करना अनिवार्य हो जाता है।
  3. समय और प्लानिंग:
    कामकाजी महिलाओं के बीच सी-सेक्शन इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि यह डिलीवरी की तारीख को प्लान करने की सुविधा देता है।
  4. डॉक्टर की सलाह:
    कई बार डॉक्टर सी-सेक्शन को प्राथमिकता देते हैं, खासकर प्राइवेट अस्पतालों में।

क्या C-सेक्शन है सही विकल्प?

C-सेक्शन एक प्रभावी और जरूरी मेडिकल प्रक्रिया है, लेकिन यह हर मामले में आवश्यक नहीं है।

  • लाभ:
    • जटिल परिस्थितियों में मां और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
    • गर्भवती महिला के दर्द को कम करता है।
  • नुकसान:
    • यह एक बड़ी सर्जरी है, जिसमें रिकवरी में अधिक समय लग सकता है।
    • बाद में मां और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा हो सकता है।

शहरी और ग्रामीण अंतर

  • शहरी इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और जागरूकता के कारण C-सेक्शन डिलीवरी अधिक होती है।
  • ग्रामीण इलाकों में सामान्य प्रसव का प्रतिशत अभी भी अधिक है, क्योंकि वहां सी-सेक्शन को महंगा और अनावश्यक माना जाता है।

C-सेक्शन के प्रभाव

  1. महिलाओं की सेहत पर असर:
    C-सेक्शन से डिलीवरी के बाद महिलाओं में थकावट और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  2. शिशु पर प्रभाव:
    सामान्य प्रसव की तुलना में C-सेक्शन से जन्मे शिशुओं में इम्यून सिस्टम कमजोर होने का खतरा रहता है।
  3. आर्थिक बोझ:
    C-सेक्शन डिलीवरी सामान्य प्रसव की तुलना में महंगी होती है, जिससे आर्थिक वर्गों पर दबाव बढ़ता है।

सामान्य प्रसव को बढ़ावा देना क्यों जरूरी है?

सरकार और स्वास्थ्य संस्थाएं सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही हैं।

  • महिलाओं को सही जानकारी और परामर्श देना जरूरी है।
  • डॉक्टरों और अस्पतालों को अनावश्यक C-सेक्शन से बचने की हिदायत दी जा रही है।

निष्कर्ष: सही जानकारी है जरूरी

C-सेक्शन डिलीवरी एक महत्वपूर्ण मेडिकल प्रक्रिया है, लेकिन इसे तभी अपनाना चाहिए जब यह मां और बच्चे के लिए अनिवार्य हो।

  • महिलाओं को चाहिए कि वे डॉक्टर की सलाह लें और सामान्य प्रसव के लाभों को समझें।
  • सही निर्णय और जागरूकता से न केवल स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो सकती है।