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क्या है ‘वेलकम टू कंट्री’ समारोह? जिसके कारण निशाने पर हैं ऑस्ट्रेलिया के पीएम

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क्या है ‘वेलकम टू कंट्री’ समारोह?

‘वेलकम टू कंट्री’ एक पारंपरिक आदिवासी प्रोटोकॉल है, जिसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया में महत्वपूर्ण आयोजनों से पहले किया जाता है। इस समारोह के जरिए आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर समुदायों को सम्मान दिया जाता है। 2022 से 2024 के बीच, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 21 विभागों में आयोजित 300 से अधिक ऐसे समारोहों पर $452,953 खर्च किए।

खर्च और विवाद: क्या कहता है विपक्ष?

इन समारोहों की औसत लागत $1,266 प्रति समारोह रही, जो सामान्यतः 5-15 मिनट तक चलते हैं। आलोचकों ने इसे करदाताओं के पैसे की बर्बादी बताते हुए कहा कि इस पैसे का उपयोग स्वदेशी समुदायों की समस्याओं को हल करने के लिए किया जाना चाहिए। शैडो सरकार के प्रवक्ता जेम्स स्टीवंस ने इस खर्च को अनावश्यक बताते हुए इसे केवल महत्वपूर्ण आयोजनों तक सीमित रखने की सलाह दी।

सरकार का बचाव: आदिवासी समुदायों के लिए सम्मान

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इन खर्चों का बचाव करते हुए कहा कि ‘वेलकम टू कंट्री’ समारोह वर्षों से प्रचलित एक परंपरा है। नेशनल इंडिजेनस ऑस्ट्रेलियंस एजेंसी के मुताबिक, ये समारोह आदिवासी समुदायों के प्रति सम्मान और आध्यात्मिक सुरक्षा का प्रतीक हैं। सरकार ने इसे एकता और सामुदायिक समर्पण का माध्यम बताया।

विपक्ष का तीखा रुख

विपक्ष के नेता पीटर डटन ने इन खर्चों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने चुनाव में जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से स्वदेशी झंडों को हटाने तक की बात कही। डटन ने इसे अनावश्यक और अत्यधिक खर्च बताया।

प्रधानमंत्री का बयान

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ‘सम्मान दिखाने में कोई लागत नहीं होती।’ उन्होंने इसे आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश बताया।

समर्थन और आलोचना: एक संतुलन

जहां एक ओर आलोचकों का कहना है कि इन समारोहों पर खर्च किए गए फंड का उपयोग स्वदेशी समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने में किया जाना चाहिए, वहीं समर्थक इसे सांस्कृतिक महत्वता और एकता को बढ़ावा देने वाला मानते हैं।

निष्कर्ष: खर्च बनाम परंपरा

‘वेलकम टू कंट्री’ समारोह ऑस्ट्रेलिया की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। हालांकि, इस पर खर्च को लेकर विवाद ने इसे चर्चा का केंद्र बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन आलोचनाओं का कैसे जवाब देती है और आगे की योजनाओं में किस तरह का बदलाव करती है।