सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्त टिप्पणी की। अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का चरण 4 तब तक जारी रहेगा जब तक सुप्रीम कोर्ट की अनुमति न मिल जाए, भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से नीचे चला जाए।
जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, “हमें यह जानना है कि सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कौन-कौन से कदम उठा रही है।”
दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
सोमवार सुबह दिल्ली का AQI 481 तक पहुंच गया, जो ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में आता है। इंडिया गेट से लेकर नोएडा और गुरुग्राम तक वायु प्रदूषण का असर साफ नजर आया। लोग मॉर्निंग वॉक पर जाने से बच रहे हैं और जो गए भी, वे मास्क पहनने को मजबूर थे।
GRAP का चरण 4 और उसके उपाय
GRAP का स्टेज 4 लागू होने के साथ ही:
- दिल्ली में मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- निर्माण कार्यों और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
- औद्योगिक गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई गई है।
नोएडा-गुरुग्राम समेत NCR के शहरों की स्थिति
- नोएडा: AQI 384 (‘बहुत खराब’)
- फरीदाबाद: AQI 320 (‘खराब’)
- गाजियाबाद: AQI 400 (‘गंभीर’)
- गुरुग्राम: AQI 446 (‘गंभीर’)
दिल्ली और एनसीआर के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की चिंता
सुनवाई के दौरान जस्टिस ओका ने पूछा, “GRAP को समय पर लागू क्यों नहीं किया गया?” उन्होंने वकील से कहा, “जैसे ही AQI 300-400 के बीच पहुंचता है, GRAP लागू होना चाहिए। आप इसे लागू करने में देरी का जोखिम कैसे उठा सकते हैं?” अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि GRAP का चरण 4 तब तक लागू रहेगा, जब तक वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार नहीं होता।
क्या है AQI और इसके प्रभाव?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार:
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-450: गंभीर
- 450+: बेहद गंभीर
AQI 450 से अधिक होने का मतलब है कि हवा में प्रदूषण इतना ज्यादा है कि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों के लिए।
नागरिकों को क्या करना चाहिए?
- घर के अंदर रहने की कोशिश करें और बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करें।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान दें।
- गैर-जरूरी वाहनों के उपयोग से बचें।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख जनता की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम है। हालांकि, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी स्तरों पर प्रभावी और समयबद्ध कार्रवाई की जरूरत है। सरकार और नागरिक दोनों को मिलकर प्रदूषण के इस संकट से निपटना होगा।