बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आज फिर से भारी तनाव और हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गई। राजधानी के राष्ट्रपति भवन के पास एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हुई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और राष्ट्रपति की कथित तानाशाही नीतियों का विरोध किया।
हिंसा की घटनाएं
प्रदर्शनकारियों ने जब राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस और सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने के लिए लाठियां चलाईं। भीड़ ने सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति और भी बिगड़ गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे हिंसा भड़क गई।
सेना की कार्रवाई
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बांग्लादेश की सेना को भी बुलाया गया। सेना ने लाठियां चलाते हुए भीड़ को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। इस दौरान कई लोग घायल हुए हैं, और सुरक्षा बलों ने कहा है कि वे किसी भी तरह की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब बांग्लादेश की राजनीति में घमासान जारी है। विपक्षी दलों ने पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है, और उनकी नीतियों को तानाशाही करार दिया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे लोकतंत्र की बहाली और सरकार की जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। देश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है, और ऐसे में इस तरह के प्रदर्शन बांग्लादेश के लिए चिंता का विषय बन गए हैं।
बांग्लादेश की सरकार ने इस हिंसा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि विपक्ष ने सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है।