दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा कदम उठाते हुए किसानों के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। बीजेपी ने घोषणा की है कि वह किसानों की प्रमुख मांगों का समर्थन करेगी और दिल्ली सरकार से इन मांगों को पूरा करने का आग्रह करेगी। इस फैसले ने दिल्ली के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है और इसे आगामी चुनावों में एक अहम मुद्दा माना जा रहा है।
किसानों की प्रमुख मांगों का समर्थन
बीजेपी के नेताओं ने कहा कि वे किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए उनकी उचित मांगों का समर्थन करते हैं। पार्टी ने विशेष रूप से उन मुद्दों पर जोर दिया, जिनमें किसानों के लिए बेहतर समर्थन मूल्य, कृषि सुधार और सरकारी सहायता शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार को किसानों के हित में कदम उठाने चाहिए, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का पूरा सम्मान मिले।
बीजेपी ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देगी और अगर वह सत्ता में आती है तो किसानों के लिए राज्य स्तर पर कई योजनाएं शुरू करेगी। इसके अलावा, बीजेपी ने दिल्ली के किसानों के लिए विशेष कृषि बजट की भी घोषणा की, जिसमें फसलों के मूल्य में वृद्धि और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव शामिल है।
दिल्ली चुनाव में किसानों का मुद्दा
दिल्ली में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इस समय किसानों का मुद्दा एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में, खासकर केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध तेज हुआ था। हालांकि, अब बीजेपी ने यह कदम उठाकर दिल्ली में किसानों के समर्थन में अपनी ओर से एक नया संदेश देने की कोशिश की है।
बीजेपी का किसानों के प्रति रुख
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा कि उनका पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को किसानों के लिए और अधिक संसाधन मुहैया कराने चाहिए और कृषि क्षेत्र में नवाचार और सुधार लाने के लिए काम करना चाहिए। बीजेपी का यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनावों में एक चुनावी मुद्दे के रूप में उभर सकता है, जिससे पार्टी को ग्रामीण और किसान वर्ग के बीच समर्थन मिलने की उम्मीद है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के इस ऐलान पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पहले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को विरोध के लिए उकसाया और अब चुनावी लाभ के लिए उनका समर्थन कर रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी के फैसले को चुनावी चाल बताया और कहा कि अगर बीजेपी वाकई किसानों के लिए काम करती, तो यह कदम चुनाव से पहले नहीं उठाया जाता।