इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार, 6 अक्टूबर को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत के दौरान इजरायल पर किसी भी संभावित हथियारों के प्रतिबंध के गंभीर परिणामों को लेकर चेतावनी दी। नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे किसी भी प्रतिबंध का लाभ केवल ईरान और उसके सहयोगियों को होगा, जो पहले से ही क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं।
इजरायल की सुरक्षा चिंताएं
नेतन्याहू की इस टिप्पणी का मुख्य कारण हाल के समय में बढ़ती सुरक्षा चिंताएं हैं, जहां ईरान और उसके प्रॉक्सी समूहों का प्रभाव पश्चिम एशिया में लगातार बढ़ रहा है। ईरान द्वारा किए जा रहे हथियारों के विकास और उसके आतंकी संगठनों को समर्थन देने की वजह से इजरायल को सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति से चर्चा
इस महत्वपूर्ण फोन कॉल के दौरान नेतन्याहू ने राष्ट्रपति मैक्रों को बताया कि अगर इजरायल पर हथियारों का प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इससे केवल उन शक्तियों को फायदा होगा जो क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि इजरायल की सुरक्षा नीति को कमजोर करने से न केवल इजरायल बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
ईरान का बढ़ता खतरा
ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया भर में चिंताएं पहले से ही बढ़ी हुई हैं। इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु हथियारों के विकास का मुखर विरोध करता रहा है। नेतन्याहू ने इस बातचीत में फिर से इस बात को दोहराया कि ईरान और उसके प्रॉक्सी समूह, जैसे कि हिज़्बुल्लाह, को नियंत्रित करने के लिए इजरायल को सक्षम बनाए रखना नितांत आवश्यक है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की यह चेतावनी इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उसकी गंभीरता को दर्शाती है। इजरायल पर किसी भी तरह के हथियारों के प्रतिबंध के परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र में ईरान और उसके सहयोगियों का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे मध्य पूर्व में अस्थिरता और बढ़ने का खतरा है।
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार, 6 अक्टूबर को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत के दौरान इजरायल पर किसी भी संभावित हथियारों के प्रतिबंध के गंभीर परिणामों को लेकर चेतावनी दी। नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे किसी भी प्रतिबंध का लाभ केवल ईरान और उसके सहयोगियों को होगा, जो पहले से ही क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं।
इजरायल की सुरक्षा चिंताएं
नेतन्याहू की इस टिप्पणी का मुख्य कारण हाल के समय में बढ़ती सुरक्षा चिंताएं हैं, जहां ईरान और उसके प्रॉक्सी समूहों का प्रभाव पश्चिम एशिया में लगातार बढ़ रहा है। ईरान द्वारा किए जा रहे हथियारों के विकास और उसके आतंकी संगठनों को समर्थन देने की वजह से इजरायल को सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति से चर्चा
इस महत्वपूर्ण फोन कॉल के दौरान नेतन्याहू ने राष्ट्रपति मैक्रों को बताया कि अगर इजरायल पर हथियारों का प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इससे केवल उन शक्तियों को फायदा होगा जो क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि इजरायल की सुरक्षा नीति को कमजोर करने से न केवल इजरायल बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
ईरान का बढ़ता खतरा
ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर दुनिया भर में चिंताएं पहले से ही बढ़ी हुई हैं। इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु हथियारों के विकास का मुखर विरोध करता रहा है। नेतन्याहू ने इस बातचीत में फिर से इस बात को दोहराया कि ईरान और उसके प्रॉक्सी समूह, जैसे कि हिज़्बुल्लाह, को नियंत्रित करने के लिए इजरायल को सक्षम बनाए रखना नितांत आवश्यक है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की यह चेतावनी इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उसकी गंभीरता को दर्शाती है। इजरायल पर किसी भी तरह के हथियारों के प्रतिबंध के परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र में ईरान और उसके सहयोगियों का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे मध्य पूर्व में अस्थिरता और बढ़ने का खतरा है।