जब पीएम मोदी के सवाल पर खामोश हो गए थे जयशंकर, विदेश मंत्री ने सुनाया साल 2014 का दिलचस्प किस्सा

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भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक दिलचस्प घटना को साझा किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक सवाल पर उनकी चुप्पी ने सबका ध्यान खींचा। यह घटना साल 2014 की है, जब नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में एक महत्वपूर्ण मीटिंग के दौरान विदेश नीति से जुड़े एक जटिल मुद्दे पर चर्चा की थी।

किस्सा क्या है?

एस. जयशंकर ने बताया कि यह घटना उस समय की है जब वे विदेश सचिव थे। एक बैठक में पीएम मोदी ने अचानक उनसे सवाल किया, “आपकी राय में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?” यह सवाल सुनकर जयशंकर थोड़े समय के लिए चुप हो गए। उन्होंने कहा कि उस समय उनके पास कोई सीधा जवाब नहीं था और यह स्थिति उनके लिए चुनौतीपूर्ण थी।

पीएम मोदी का दृष्टिकोण

जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने उनकी खामोशी को समझा और तुरंत ही मामले को हल्का करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “अगर आपको तुरंत जवाब नहीं आता, तो कोई बात नहीं, हम इस पर चर्चा करेंगे।” इस प्रतिक्रिया ने जयशंकर को एक बड़ा सबक दिया, जिससे उन्होंने सीखा कि कभी-कभी चुप रहना भी बेहतर होता है, खासकर जब आप किसी जटिल मुद्दे पर विचार कर रहे हों।

जयशंकर का अनुभव

इस घटना को याद करते हुए जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी की इस स्थिति ने उन्हें सिखाया कि किसी मुद्दे पर सोच-विचार करना कितना महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की यह सहजता और समस्या को हल करने की क्षमता उन्हें प्रेरित करती है।

प्रभाव

यह किस्सा दर्शाता है कि कैसे पीएम मोदी अपने सहयोगियों के साथ संवाद को सरल और सहज रखते हैं। उनकी नेतृत्व शैली में यह विशेषता है कि वे अपने टीम के सदस्यों को स्वतंत्रता देते हैं, जिससे वे अपनी राय व्यक्त कर सकें, चाहे वह चुनौतीपूर्ण ही क्यों न हो।