‘मैं उस दिन आंसू बहाऊंगी जब इंसानियत का अंत हो जाएगा’: इजरायली हमले में मारे गए मेजर की पत्नी का खामनेई को भावुक संदेश
इजरायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष की भयावहता ने हाल ही में कई परिवारों को तबाह कर दिया है, और इसी हिंसा में अपने पति को खोने वाली भारतीय मूल की साक्षी सिंह ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अपने पति मेजर आदित्य सिंह की शहादत पर अपनी गहरी वेदना व्यक्त करते हुए युद्ध और हिंसा पर सवाल उठाए हैं। उनका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे दुनियाभर में इस संघर्ष और इसके मानवीय प्रभावों पर गंभीर चर्चा हो रही है।
साक्षी सिंह का भावुक संदेश
साक्षी सिंह ने पत्र की शुरुआत में लिखा, “मैं उस दिन आंसू बहाऊंगी जब इंसानियत का अंत हो जाएगा।” उनका यह बयान उन तमाम महिलाओं और परिवारों की पीड़ा को बयां करता है जिन्होंने इस संघर्ष में अपने प्रियजनों को खोया है। साक्षी का कहना है कि उनके पति ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए अपनी जान गंवाई, लेकिन उनका बलिदान तब तक अधूरा है जब तक इस संघर्ष का कोई हल नहीं निकलता।
उन्होंने लिखा कि यह युद्ध निर्दोष नागरिकों की जानें ले रहा है और बच्चों को अनाथ बना रहा है। उन्होंने अपने पत्र में खामनेई से अपील करते हुए कहा, “आपके पास शक्ति और प्रभाव है। क्या आपके हृदय में इतनी करुणा नहीं कि इस रक्तपात को रोकने की दिशा में कोई कदम उठाएं?”
युद्ध की त्रासदी और शांति की अपील
साक्षी ने अपने पति के बलिदान का उल्लेख करते हुए युद्ध के मानवीय पहलू को उजागर किया। उन्होंने कहा कि उनके पति ने हमेशा मानवता की रक्षा और शांति के लिए काम किया और वह इस तरह की हिंसा का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे। साक्षी ने लिखा, “मेरा पति एक सच्चा सिपाही था जिसने अपनी ज़िंदगी को दूसरों की रक्षा के लिए समर्पित किया। लेकिन आज उसकी मृत्यु केवल एक आँकड़ा बनकर रह गई है।”
उनके इस संदेश में हिंसा के परिणामों और युद्ध के भयावह रूप का गहरा दर्द झलकता है। उन्होंने खामनेई से पूछा कि क्या धर्म के नाम पर होने वाली इस हिंसा को जायज़ ठहराया जा सकता है। साक्षी ने लिखा, “आपके पास इतनी शक्ति और प्रभाव है कि आप इस संघर्ष में शांति स्थापित कर सकते हैं। क्या आप इस लड़ाई को रोकने की कोई पहल करेंगे ताकि अन्य महिलाओं को मेरे जैसी पीड़ा का सामना न करना पड़े?”
सोशल मीडिया पर पत्र का असर
साक्षी सिंह का यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और लाखों लोगों ने इसे साझा किया है। उनके इस पत्र ने न केवल भारत बल्कि दुनियाभर में लोगों को भावुक कर दिया है। कई लोगों ने उनकी बातों का समर्थन करते हुए युद्ध की समाप्ति और शांति की स्थापना की मांग की है।
विश्वभर में उठी शांति की मांग
साक्षी के पत्र ने दुनियाभर के नेताओं और संगठनों का ध्यान इजरायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष की ओर खींचा है। उनके इस भावुक संदेश ने इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह के युद्ध में जीत-हार से ज्यादा अहम इंसानियत है।
साक्षी का पत्र इस बात की ओर इशारा करता है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और शांति की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।