दिल्ली में कृत्रिम बारिश ही आखिरी उपाय? सरकार ने केंद्र से की अपील
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति, AQI पहुंचा 500 के पार
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में 500 के पार पहुंच गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने केंद्र से “कृत्रिम बारिश” (Artificial Rain) के लिए फिर से अपील की है।
केंद्र सरकार को चौथी बार लिखी चिट्ठी
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अगस्त से अब तक केंद्र सरकार को चार बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की पूरी तैयारी कर रखी है और अब केंद्र को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।
स्मॉग हटाने के लिए आर्टिफिशियल रेन की जरूरत
गोपाल राय ने कहा, “स्मॉग की चादर उत्तर भारत में फैली हुई है। दिल्ली में ग्रेप-4 नियम लागू कर दिए गए हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हमें लगता है कि अब समय आ गया है कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश करवाई जाए।” उन्होंने कहा कि अगस्त में ही इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया था।
क्लाउड सीडिंग: कैसे होती है कृत्रिम बारिश?
क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें बादलों में रसायन मिलाकर बारिश कराई जाती है। इससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से इस तकनीक पर काम किया है। हालांकि, इसे लागू करने के लिए कई केंद्रीय एजेंसियों की मंजूरी जरूरी होती है।
“केंद्र सरकार ने अब तक नहीं की बैठक”
गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि अगस्त से लेकर अब तक बार-बार पत्र लिखने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा, “अगर हमने किसी विदेशी देश के मंत्री को पत्र लिखा होता, तो अब तक बैठक हो चुकी होती। मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे अपने पर्यावरण मंत्री को इस मामले पर तुरंत बैठक बुलाने का निर्देश दें।”
कृत्रिम बारिश ही समाधान?
गोपाल राय ने अपने पत्र में लिखा कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल राहत के रूप में क्लाउड सीडिंग पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों जैसे डीजीसीए, रक्षा मंत्रालय, और अन्य विभागों के साथ मिलकर इस पर आपातकालीन बैठक बुलाने की अपील की है।
निष्कर्ष
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कृत्रिम बारिश अब एक अनिवार्य कदम बनता जा रहा है। दिल्ली सरकार की इस अपील पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और कार्रवाई आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता सुधारने में अहम भूमिका निभा सकती है।