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एहसान हैदरी की राजकुमारी बेटी अदिति ने शादी में पहनी बाबर के जमाने में चलने वाली अशरफी की साड़ी, गहने भी रखे खास

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एहसान हैदरी की बेटी अदिति हैदरी की शादी ने न केवल एक शानदार शादी का तो दृश्य पेश किया, बल्कि इस शादी के परिधान और गहनों ने इतिहास और संस्कृति के एक अद्भुत संगम को भी सामने रखा। अदिति ने अपनी शादी में विशेष रूप से ऐतिहासिक और पारंपरिक कपड़े पहने, जिसमें एक साड़ी भी शामिल थी, जिसे बाबर के जमाने की अशरफी साड़ी कहा जा रहा है।

1. अशरफी साड़ी का इतिहास

अदिति ने शादी में जिस अशरफी साड़ी को पहना, वह साड़ी न केवल शानदार थी, बल्कि उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता भी थी। इस साड़ी का डिज़ाइन और फैब्रिक बाबर के जमाने से प्रेरित था, जो मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक थे। इस साड़ी में खासतौर पर बाबर के समय की अशरफी मुद्रा (सोने का सिक्का) को दर्शाने वाले कढ़ाई और डिज़ाइन का इस्तेमाल किया गया था, जो पारंपरिक मुग़ल कला और शाही परंपरा का प्रतीक है।

2. गहनों का चयन

अदिति ने अपनी शादी में गहनों के रूप में भी कुछ खास रखा। उनके गहने भी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण थे। इन गहनों में विशेष रूप से मुग़ल काल के डिज़ाइन का प्रभाव था, जिसमें बारीक कारीगरी और समृद्ध रत्नों का उपयोग किया गया था। उनकी जूलरी में सोने और हीरे की कड़ी सजावट के साथ पारंपरिक पीस शामिल थे, जो शाही परिवारों के इतिहास को सम्मानित करते हैं।

3. शाही और पारंपरिक शादी का माहौल

अदिति की शादी का माहौल भी शाही था, जिसमें हर एक detail पर विशेष ध्यान दिया गया था। शादी में परंपरागत भारतीय और मुग़ल तत्वों का संगम देखने को मिला। शादी के समारोह में सजे हुए महल जैसे माहौल ने इसे और भी भव्य बना दिया। शादी में शामिल होने वाले मेहमानों ने अदिति और उनके परिवार के इस भव्य समारोह की सराहना की, जिसमें भारतीय और मुग़ल कला का शानदार मिश्रण देखने को मिला।

4. फैमिली ट्रैडिशन और धरोहर

अदिति के परिवार के लिए यह शादी एक धरोहर को जीवित रखने का मौका था। एहसान हैदरी और उनके परिवार ने पारंपरिक शाही मूल्यों और धरोहर को इस शादी के जरिए सम्मानित किया। उन्होंने अपनी बेटी को न केवल एक ऐतिहासिक परिधान और गहनों के साथ शादी में भेजा, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि इस पारंपरिक धरोहर की महत्ता को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा जाए।