दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (ट्रेड फेयर) में इस बार ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को साकार किया गया है। सभी राज्यों ने अपने-अपने थीम पवेलियन के माध्यम से न केवल इस दृष्टि को प्रस्तुत किया, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को भी खूबसूरती से प्रदर्शित किया है।
दिल्ली पवेलियन में सदर बाजार से लेकर सरोजिनी नगर तक की झलक मिलती है। महिला उद्यमियों के लिए चार विशेष स्टाल बनाए गए हैं, जहां उनके उत्साह और व्यावसायिक जोश को देखा जा सकता है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों—जेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन, उद्योग और समाज कल्याण—के स्टालों में उनकी उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं प्रदर्शित की गई हैं।
उत्तराखंड पवेलियन: रेल परियोजना और टिहरी बांध बना आकर्षण का केंद्र
उत्तराखंड ने अपने पवेलियन में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और टिहरी बांध को केंद्र में रखा है। इसमें पहाड़ी क्षेत्रों में संपर्क साधनों को मजबूत करने के प्रयासों को दर्शाया गया है। विशेष रूप से यह दिखाया गया है कि कैसे जटिल पहाड़ी इलाकों को जोड़ने का काम किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश और बिहार की सांस्कृतिक छवि
उत्तर प्रदेश पवेलियन में प्रत्येक जिले के विशेष उत्पादों (ओडीओपी) को जगह दी गई है। इसमें बांदा के सजर पत्थर की चेन प्रमुख आकर्षण है। यह प्राकृतिक जीवाश्म से बने होते हैं, जिनमें पेड़-पौधों के अद्वितीय आकार देखे जा सकते हैं।
बिहार पवेलियन में मंजूषा, टिकुली और मधुबनी पेंटिंग के साथ बिहार संग्रहालय की झलक देखने को मिलती है। यहां मौर्य और गुप्त काल के पुरावशेषों की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित की गई हैं।
झारखंड दिवस: संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति
शुक्रवार को झारखंड दिवस के रूप में मनाया गया। एम्फी थिएटर में आयोजित कार्यक्रम में राज्य की परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों को दिखाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की स्तुति से हुई। मुख्य अतिथि के रूप में उद्योग विभाग के जितेंद्र कुमार सिंह, सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव विप्रा भाल, और अपर सचिव उद्योग विभाग मनमोहन प्रसाद उपस्थित रहे।
ट्रेड फेयर 2024 में कला और संस्कृति के संगम के साथ ‘विकसित भारत 2047’ की झलक देखने को मिल रही है, जो मेले को विशेष और प्रेरणादायक बना रही है।