दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट की रैंकिंग: पाकिस्तान की स्थिति चौंकाने वाली
दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट की रैंकिंग 2025
हेनले एंड पार्टनर्स ने 2025 के पहले छमाही के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट की रैंकिंग जारी की है। इस साल भी सिंगापुर ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। ताकतवर पासपोर्ट का मतलब है कि इस पासपोर्ट के धारक को सबसे अधिक देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा मिलती है।
सिंगापुर: सबसे ताकतवर पासपोर्ट
सिंगापुर का पासपोर्ट 195 देशों में वीजा-फ्री यात्रा की सुविधा प्रदान करता है। यह इसे दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट बनाता है। सिंगापुर की यह उपलब्धि उसके कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की मजबूती को दर्शाती है।
जापान और अन्य शीर्ष देश
दूसरे स्थान पर जापान का पासपोर्ट है, जो 193 देशों में वीजा-फ्री यात्रा की अनुमति देता है। दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और फिनलैंड तीसरे स्थान पर हैं, जिनके पासपोर्ट धारक 192 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं।
भारत की रैंकिंग
भारत का पासपोर्ट इस सूची में 85वें स्थान पर है। भारतीय पासपोर्ट पर 57 देशों में वीजा-फ्री यात्रा की सुविधा है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में 5 स्थान की गिरावट आई है। यह गिरावट उन देशों के साथ भारत के वीजा समझौतों की सीमाओं को उजागर करती है।
पाकिस्तान: शर्मनाक स्थिति
पाकिस्तान का पासपोर्ट इस साल भी खराब स्थिति में है। हेनले इंडेक्स में यह 103वें स्थान पर है, जो सोमालिया (102वें स्थान) से भी नीचे है। पाकिस्तान की यह स्थिति उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था और आतंकवाद से जुड़ी नीतियों का परिणाम है।
सबसे कमजोर पासपोर्ट
पाकिस्तान से भी कमजोर पासपोर्ट की सूची में इराक (104वां स्थान), सीरिया (105वां स्थान), और अफगानिस्तान (106वां स्थान) शामिल हैं। इन देशों में चल रहे संघर्ष और अस्थिरता के कारण इनके पासपोर्ट धारकों को दुनिया में यात्रा संबंधी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष
हेनले इंडेक्स 2025 की रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति की स्थिति को दर्शाती है। जहां सिंगापुर जैसे देश अपनी मजबूत रणनीतियों से शीर्ष पर हैं, वहीं पाकिस्तान और अन्य कमजोर देशों को अपनी नीतियों में सुधार की आवश्यकता है। यह रैंकिंग देशों की वैश्विक छवि को भी प्रभावित करती है।