अमेरिकी जेल से रिहा हुआ ओसामा बिन लादेन का चहेता, तालिबान-यूएस समझौते से मिली ये सौगात
अमेरिकी जेल से रिहाई: तालिबान-यूएस समझौते की शुरुआत
अमेरिकी जेल में वर्षों से कैद अफगानी नागरिक खान मोहम्मद को हाल ही में रिहा कर दिया गया है। तालिबान और अमेरिका के बीच हुए इस ऐतिहासिक समझौते के तहत अफगानिस्तान में कैद 2 अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के बदले खान मोहम्मद को मुक्त किया गया। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल समाप्त हो रहा था।
कौन है खान मोहम्मद?
खान मोहम्मद, जिसे ओसामा बिन लादेन का करीबी माना जाता है, तालिबान का एक प्रभावशाली सदस्य था। उसे साल 2008 में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था। ड्रग ट्रैफिकिंग और आतंकवाद के आरोप में उसे आजीवन कारावास की सजा दी गई थी।
कैदियों की अदला-बदली का समझौता
तालिबान सरकार ने काबुल में इस समझौते की घोषणा की। इसके तहत रयान कॉर्बेट और विलियम वालेस मैकेंटी नाम के दो अमेरिकी नागरिकों को अफगान जेल से रिहा किया गया, जबकि खान मोहम्मद को अमेरिका से रिहा कर उसके देश भेजा गया।
तालिबान का बयान:
“अमेरिका में कैद हमारे लड़ाके खान मोहम्मद को वापस मुल्क लाने के लिए यह समझौता किया गया। किसी भी मुद्दे को बातचीत से हल करना सबसे बेहतर तरीका है।”
2 साल की बातचीत के बाद समझौता
अफगानिस्तान और अमेरिका के बीच इस समझौते पर लगभग दो साल तक बातचीत चली। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से ठीक पहले 20 जनवरी 2025 को यह समझौता अमल में लाया गया।
अमेरिकी सरकार की प्रतिक्रिया
अमेरिकी सरकार ने इस समझौते को राजनयिक सफलता करार दिया। वहीं, तालिबान ने इसे अपनी जीत बताते हुए ग्वांतानामो बे जेल में कैद एक अन्य अफगान नागरिक की रिहाई की भी मांग की।
क्या है आगे की योजना?
तालिबान ने संकेत दिया है कि वह अमेरिका से अन्य अफगान कैदियों की रिहाई के लिए बातचीत जारी रखेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह समझौता तालिबान-अमेरिका संबंधों को किस दिशा में ले जाएगा।
समाप्ति नोट:
अमेरिका और तालिबान के बीच हुए इस कैदियों के आदान-प्रदान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। यह सौदा न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित करेगा बल्कि वैश्विक सुरक्षा और कूटनीति पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।