उइगर आतंकियों की धमकी से चीन को झटका: मध्य पूर्व और अफ्रीका में प्रोजेक्ट्स पर संकट
चीन के सामने बढ़ा खतरा
सीरिया में जारी गृहयुद्ध के दौरान उइगर आतंकी गुटों ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। “ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट” (ETIM) से जुड़े इन आतंकियों ने धमकी दी है कि वे चीन पर हमला करेंगे और इसे अपने नियंत्रण में ले लेंगे। यह धमकी चीन के लिए एक गंभीर सुरक्षा और आर्थिक संकट बन सकती है।
उइगर मुसलमानों पर अत्याचार: चीन की नीतियों पर सवाल
चीन का शिनजियांग प्रांत उइगर मुसलमानों का घर है, लेकिन बीजिंग पर उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मिटाने के आरोप लगते रहे हैं। मस्जिदों को ध्वस्त किया जा रहा है, उइगर महिलाओं को जबरन हान समुदाय के पुरुषों से शादी करने पर मजबूर किया जा रहा है, और हजारों लोगों को टॉर्चर कैंप्स में कैद रखा गया है। इन हालातों ने उइगर आतंकियों को चीन के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रेरित किया है।
सीरिया में उइगर आतंकियों का संगठित होना
सीरिया का गृहयुद्ध उइगर आतंकियों के लिए संगठित होने का मंच बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, “ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट” और “तुर्केस्तान इस्लामिक पार्टी” जैसे गुट मध्य एशिया और मध्य पूर्व में सक्रिय हैं। 2017 में जहां इन आतंकियों की संख्या लगभग 5,000 थी, वह अब 8,000 तक पहुंच चुकी है। ये आतंकी गुट अब चीन के अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स को भी निशाना बना सकते हैं।
चीन के प्रोजेक्ट्स पर बढ़ा खतरा
मध्य पूर्व और अफ्रीका में चीन के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स उइगर आतंकियों के निशाने पर आ सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- सीरिया: ऊर्जा और पावर प्रोजेक्ट्स।
- इराक: इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स।
- लेबनान: टेली-कम्युनिकेशन और बंदरगाह विकास।
- लीबिया: गैस और तेल प्लांट।
यदि इन प्रोजेक्ट्स पर हमला होता है, तो चीन का “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (BRI) और अधिक प्रभावित होगा।
चीन के लिए सुरक्षा और आर्थिक संकट
उइगर आतंकियों की धमकी चीन के लिए सिर्फ सुरक्षा का नहीं, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक संकट का भी कारण बन सकती है। बीजिंग की पहले से विवादित नीतियों को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। BRI के तहत चीन की वैश्विक योजनाओं की धीमी प्रगति और हमले का खतरा उसकी वैश्विक साख को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
निष्कर्ष: सुरक्षा उपायों की जरूरत
चीन के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह मध्य पूर्व और अफ्रीका में अपने प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके साथ ही, उसे उइगर मुसलमानों के अधिकारों और मानवाधिकारों को लेकर अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। यह संकट न केवल चीन की सुरक्षा को बल्कि उसकी वैश्विक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।