Tulsi Vivah Vidhi 2024: देवउठनी एकादशी पर इस शुभ मुहूर्त में करें तुलसी विवाह, जानिए संपूर्ण विधि और पूजन सामग्री

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हर साल देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन पूरे भारत में बड़े श्रद्धा भाव से किया जाता है। इस दिन को लेकर विशेष मान्यता है, क्योंकि इसे पद्मपुराण में देवताओं की नींद से जागने के रूप में वर्णित किया गया है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के साथ किया जाता है। तुलसी विवाह का आयोजन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जाता है और इसे एक महत्वपूर्ण व्रत के रूप में मनाया जाता है। 2024 में तुलसी विवाह 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन होगा।

तुलसी विवाह का महत्व:

तुलसी विवाह का आयोजन व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि, और सुख-शांति को लाने के लिए किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से घर में सुख-शांति की स्थापना के लिए किया जाता है और माना जाता है कि विष्णु भगवान और तुलसी के विवाह से सारे दुख-दर्द समाप्त होते हैं।

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त (2024):

  • तिथि: 15 नवंबर 2024 (देवउठनी एकादशी)
  • मुहूर्त: तुलसी विवाह के लिए सबसे उपयुक्त समय रात 8:00 से 9:00 बजे तक है, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

तुलसी विवाह विधि:

  1. स्नान और शुद्धता: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर पूजन स्थल को स्वच्छ करें
  2. तुलसी जी का पूजन: घर में तुलसी का पौधा हो तो उसे सजाएं, और यदि नहीं है तो किसी अन्य जगह से तुलसी का पौधा ले आएं। फिर तुलसी के पौधे के पास दीपक और अगरबत्ती लगाएं।
  3. विष्णु भगवान की मूर्ति का पूजन: विष्णु भगवान की मूर्ति रखें और उसे पीले वस्त्र पहनाएं। साथ ही चंदन, फूल, तुलसी के पत्ते और पानी अर्पित करें।
  4. संगीत का आयोजन: तुलसी विवाह के दौरान भजन और मंत्रों का पाठ करें। विशेष रूप से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
  5. विवाह संस्कार: भगवान विष्णु और तुलसी माता के विवाह का संस्कार संपन्न करें। तुलसी के पौधे को शादी के मंडप जैसा सजाकर उसकी वरमाला पहनाएं।
  6. पाणिग्रहण: तुलसी के पौधे के पास पानी और चावल अर्पित करें। फिर दोनों के हाथों में वरमाला डालें, जैसे सामान्य विवाह समारोह में किया जाता है।
  7. कुमकुम और चावल की आहुति: फिर कुमकुम और चावल लेकर दोनों के ऊपर डाले और इस दौरान शुभ मंगल मांगलिक मंत्र का उच्चारण करें।

पूजन सामग्री:

तुलसी विवाह की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • तुलसी का पौधा (या तुलसी का चित्र)
  • विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र
  • पीला वस्त्र
  • चंदन, फूल, तुलसी के पत्ते, पानी
  • दीपक और अगरबत्ती
  • फल, मेवे और मिठाइयाँ
  • कुमकुम, चावल, और सुपारी
  • पंखा और चादर
  • मिठे पुए या अन्य पकवान (भोग)

विवाह के बाद की पूजा:

  • पूजा के बाद भोग अर्पित करें, जिसमें मिठाइयाँ, फल और पकवान शामिल करें।
  • फिर भगवान विष्णु से परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें और तुलसी माता को आशीर्वाद दें।
  • तुलसी विवाह के बाद प्रसाद वितरित करें और इस दिन का विशेष महत्व सभी को समझाएं।