राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने खत्म किया नागरिकता कानून, 22 राज्यों ने ठोका मुकदमा
ट्रंप का बड़ा फैसला: खत्म किया जन्मजात नागरिकता कानून
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत एक विवादास्पद फैसले से की है। उन्होंने दशकों पुराने जन्मजात नागरिकता कानून को खत्म करने का आदेश दिया है। इस कानून के तहत अमेरिका में जन्मे हर बच्चे को स्वचालित रूप से नागरिकता मिलती थी। अब ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ 22 अमेरिकी राज्यों ने अदालत का रुख किया है।
जन्मजात नागरिकता कानून क्या है?
1868 में लागू किए गए इस कानून का उद्देश्य नस्ल, जाति या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी को समान अधिकार देना था। अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी बच्चे को सीधे नागरिकता मिल जाती थी, चाहे उसके माता-पिता अमेरिका के नागरिक न हों। लेकिन ट्रंप ने इस नीति को पलटते हुए कहा है कि अब नागरिकता पाने के लिए माता-पिता में से किसी एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य होगा।
22 राज्यों ने ठोका मुकदमा
21 जनवरी 2025 को 22 अमेरिकी राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने इस फैसले के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने कहा, “राष्ट्रपति अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं कर सकते। 14वें संशोधन को एक हस्ताक्षर से खत्म नहीं किया जा सकता।”
व्हाइट हाउस का पक्ष
व्हाइट हाउस ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी कानून और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए है। उन्होंने राज्यों के विरोध को वामपंथी प्रचार करार दिया।
नए नियमों के तहत नागरिकता का प्रावधान
ट्रंप की नीति के अनुसार, अब अमेरिका में जन्मे बच्चे को तभी नागरिकता मिलेगी जब उसके माता-पिता में से कोई एक:
- अमेरिकी नागरिक हो।
- ग्रीन कार्ड धारक हो।
- अमेरिकी सेना का हिस्सा हो।
विपक्ष और मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेटिक पार्टी और इमिग्रेशन एक्टिविस्ट्स ने ट्रंप के इस फैसले को मानवाधिकारों के खिलाफ बताया है। उनका मानना है कि यह नीति कई परिवारों को अलग कर देगी और अमेरिका की विविधता को नुकसान पहुंचाएगी।