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तिरुपति मंदिर भगदड़ 2025: वैकुंठ द्वार टोकन के लिए मची अफरा-तफरी, 6 की मौत

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तिरुपति मंदिर भगदड़: घटना का संक्षिप्त विवरण

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार रात हुए हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। विशेष वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन वितरण के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा दर्जनों श्रद्धालु घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।


हादसे का कारण: भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की विफलता

यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों लोग विशेष दर्शन के टोकन लेने के लिए बैरागी पट्टीडा पार्क और MGM स्कूल सेंटर पर इकट्ठा हुए। प्रशासन द्वारा सुबह 9 जनवरी से टोकन वितरण की घोषणा की गई थी, लेकिन लोग 8 जनवरी की रात से ही लाइन में लगने लगे।
भीड़ का आंकड़ा 4,000 से अधिक पहुंचने के बाद अव्यवस्था फैल गई, जिसके कारण भगदड़ मच गई।


पीड़ितों की स्थिति: घायलों का इलाज जारी

हादसे के बाद 30 से अधिक घायलों को रुइया अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से कई श्रद्धालु तमिलनाडु से थे। घटना के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घायलों को बचाने और भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास किए। वायरल हो रहे वीडियो में पुलिसकर्मियों को घायलों को सीपीआर देते हुए भी देखा जा सकता है।


प्रशासन की प्रतिक्रिया

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव और जिला कलेक्टर डॉ. एस वेंकटेश्वर ने अस्पताल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। एसपी सुब्बारायडू ने खुद टोकन वितरण केंद्रों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया, लेकिन स्थिति को संभालने में विफल रहे।
आंध्र प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।


सोशल मीडिया पर घटना का प्रभाव

घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें भगदड़ की भयावहता को देखा जा सकता है। लोगों ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। श्रद्धालुओं के लिए भगवान के दर्शन का यह अनुभव कई परिवारों के लिए त्रासदी बन गया।


निष्कर्ष

तिरुपति बालाजी मंदिर में हुए इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मजबूत प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। प्रशासन की लापरवाही ने इस धार्मिक स्थल को त्रासदी का गवाह बना दिया। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रभावी योजनाएं और सख्त नियमों की आवश्यकता है।