शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द, भारत ने वीजा बढ़ाया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। वहीं, भारत ने उनका वीजा बढ़ाकर बांग्लादेश के साथ चल रहे तनाव को और बढ़ा दिया है। हसीना फिलहाल दिल्ली में रह रही हैं और उनके प्रत्यर्पण की मांग जोर पकड़ रही है।
बांग्लादेश सरकार का सख्त कदम
शेख हसीना और अन्य 96 लोगों के पासपोर्ट रद्द करने का फैसला बांग्लादेश सरकार द्वारा एक दिन पहले जारी अरेस्ट वारंट के बाद लिया गया। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने हसीना और 11 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है। इनमें पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (रिटायर्ड) तारिक अहमद सिद्दीकी और अन्य बड़े अधिकारी शामिल हैं।
अरेस्ट वारंट और कोर्ट में पेशी का आदेश
ICT ने 12 फरवरी तक शेख हसीना और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। उन पर कई आरोप लगे हैं, जिनमें 2009 के बांग्लादेश राइफल्स (BDR) विद्रोह के दौरान 74 लोगों की हत्या का मामला भी शामिल है।
भारत का वीजा विस्तार
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा प्रत्यर्पण की मांग के बावजूद, भारत ने शेख हसीना का वीजा बढ़ा दिया है। अगस्त 2024 से भारत में रह रहीं हसीना के लिए यह फैसला एक राहत की तरह है। हालांकि, भारत सरकार ने उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया है क्योंकि भारत में शरणार्थियों के लिए कोई विशेष कानून नहीं है।
बांग्लादेश की प्रत्यर्पण मांग
बांग्लादेश ने दिसंबर 2024 में भारत के विदेश मंत्रालय को डिप्लोमैटिक नोट भेजकर हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की थी। लेकिन भारत सरकार ने इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया।
शेख हसीना का भविष्य
बांग्लादेश और भारत के इस तनावपूर्ण मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि शेख हसीना का भविष्य क्या होगा। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि हसीना को अपनी योजनाओं के बारे में खुद निर्णय लेना होगा। वहीं, बांग्लादेश का स्वतंत्र जांच आयोग भारत जाकर उनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रभाव
यह मामला बांग्लादेश और भारत के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के इस कदम से भारत के साथ उसके संबंधों में खटास आ सकती है।
निष्कर्ष
शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द और भारत द्वारा वीजा विस्तार बांग्लादेश और भारत के संबंधों में तनाव बढ़ा रहा है। बांग्लादेश की सरकार जहां हसीना को वापस लाने के लिए दबाव बना रही है, वहीं भारत ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। आने वाले समय में इस मामले का हल दोनों देशों के रिश्तों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।