नवरात्र में शक्तिपीठों और प्रमुख मंदिरों में जलेगी देवभोग घी की ज्योति, बनेगा विशेष प्रसाद
शारदीय नवरात्रि 2024 के आगमन के साथ ही देशभर के शक्तिपीठों और प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। इस पावन पर्व के दौरान देवी दुर्गा की आराधना और शक्ति साधना के रूप में, विभिन्न मंदिरों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इन मंदिरों में देवभोग घी की ज्योत जलाने की परंपरा का पालन किया जाएगा, साथ ही देवी मां को अर्पित किया जाएगा विशेष प्रसाद।
ज्योति जलाने की परंपरा
- देवभोग घी की ज्योति:
- शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान शक्तिपीठों और प्रमुख मंदिरों में देवभोग घी से ज्योति प्रज्वलित करने की परंपरा है। यह घी न केवल शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, बल्कि इसे देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।
- मंदिरों में पूरे नौ दिनों तक दिन-रात ज्योति जलती रहती है, जिससे मंदिर का वातावरण भक्तिमय और दिव्यता से भर जाता है।
- मां दुर्गा के विशेष पूजन:
- इस दौरान शक्तिपीठों में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें भक्तगण अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। घी की ज्योति के साथ-साथ हवन, आरती और मंत्रोच्चार से देवी का आह्वान किया जाता है।
विशेष प्रसाद
- देवभोग घी से बना प्रसाद:
- इस बार नवरात्रि के दौरान देवी मां के प्रसाद के रूप में देवभोग घी से बनी मिठाइयों और भोजन का वितरण होगा। भक्तों के लिए खीर, हलवा, पुए, और अन्य मिठाइयाँ तैयार की जाएंगी, जिनमें घी का विशेष महत्व होगा। इस प्रसाद को देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है।
- भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण:
- नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मंदिरों में प्रसाद का वितरण बड़े पैमाने पर होगा। भक्तगण इसे ग्रहण कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
प्रमुख शक्तिपीठ और मंदिर
भारत के प्रमुख शक्तिपीठ जैसे वैष्णो देवी, कालीघाट, ज्वाला देवी, कामाख्या मंदिर और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में विशेष आयोजनों की तैयारी की जा रही है। यहां पर लाखों की संख्या में भक्तगण जुटेंगे और माँ दुर्गा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करेंगे।