Sharda Sinha Death: लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन, ‘घर-घर छठी मइया’ के गाने के लिए थीं मशहूर

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प्रसिद्ध भोजपुरी लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया। शारदा सिन्हा अपने भव्य संगीत और दिल छू लेने वाली आवाज़ के लिए भारतीय लोक संगीत जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती थीं। वह खासतौर पर अपने छठ पूजा गीत “घर-घर छठी मइया” के लिए जानी जाती थीं, जिसे सुनकर न सिर्फ बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर में लोग भावुक हो जाते थे। उनकी आवाज़ में ऐसी ताकत थी कि उनका संगीत श्रोताओं के दिलों में हमेशा के लिए बस जाता था।

1. लोक संगीत की दिग्गज गायिका

शारदा सिन्हा का संगीत का सफर काफी लंबा और समृद्ध रहा। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली, मगही और हिंदी सहित विभिन्न भाषाओं में गाने गाए थे। उनके गाने न केवल बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों, बल्कि देश के कोने-कोने में लोकप्रिय थे। उनका गाया हुआ “घर-घर छठी मइया” गीत खासकर छठ पूजा के समय सुनना आम बात हो गई थी और यह गीत पूरी तरह से छठ पूजा के त्यौहार का हिस्सा बन गया था।

2. छठ पूजा और ‘घर-घर छठी मइया’

शारदा सिन्हा का गाना “घर-घर छठी मइया” छठ पूजा के अनुष्ठान से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण गीत था, जो पूरे देश के उन इलाकों में छठ पूजा के दौरान गाया जाता था। इस गाने ने न सिर्फ लोकगायन में एक नई दिशा दी, बल्कि छठ पूजा के माहौल को और भी भव्य बना दिया। इस गीत को शारदा सिन्हा की आवाज़ ने जीवित किया था और इसे आज भी हर साल छठ पूजा के दौरान बड़ी श्रद्धा के साथ सुना जाता है।

3. शारदा सिन्हा का योगदान

शारदा सिन्हा ने अपने करियर में न केवल लोक संगीत को बढ़ावा दिया, बल्कि भारतीय संगीत के प्रति अपने प्रेम और योगदान से लोगों को भी प्रेरित किया। उन्होंने कई लोक गानों को अपने आवाज़ से संजीवनी दी, जिनमें से कुछ गाने आज भी उनकी पहचान बने हुए हैं। उनकी गायकी में लोक ध्वनि और आधुनिक संगीत का अद्भुत संगम था, जो श्रोताओं के दिलों में अमिट छाप छोड़ गया।

4. शोक की लहर

शारदा सिन्हा के निधन पर उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य हिस्सों में उनके प्रशंसक और संगीत प्रेमी इस दुखद घटना से गहरे शोक में हैं। सोशल मीडिया पर भी शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया है। कई जाने-माने संगीतकारों और गायकों ने भी उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

5. धरोहर के रूप में याद की जाएगी शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा के निधन से भारतीय लोक संगीत जगत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। उनकी गायकी की खासियत यह थी कि उन्होंने लोक संगीत को नए युग में भी जीवित रखा और उसे हर किसी के दिल तक पहुँचाया। उनका संगीत आज भी लोगों के दिलों में जीवित रहेगा, और उनके गाने, विशेषकर “घर-घर छठी मइया”, हमेशा छठ पूजा के समय गूंजते रहेंगे।

6. अंतिम विदाई

शारदा सिन्हा का निधन भारतीय संगीत और लोक संस्कृति के लिए एक बड़ी क्षति है। हालांकि वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत, उनके गीत और उनकी आवाज़ हमेशा हम सभी के दिलों में जीवित रहेगी। उनके योगदान को भारतीय लोक संगीत जगत हमेशा याद रखेगा और उनकी धरोहर को आने वाली पीढ़ियाँ भी संजोकर रखेंगी।