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रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद घाट

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प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी

महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के रसूलाबाद घाट का नाम बदलकर “चंद्रशेखर आजाद घाट” कर दिया है। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिया गया, जिसका उद्देश्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और पुनरुद्धार है।

चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक विरासत

चंद्रशेखर आजाद, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान क्रांतिकारी, का अंतिम संस्कार इसी घाट पर किया गया था। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस घाट का नाम बदलकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया गया है।

महाकुंभ के लिए घाटों का पुनरुद्धार

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज के विभिन्न घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इनमें रसूलाबाद घाट के साथ-साथ बलुआ घाट, कालीघाट, छतनाग घाट, और अन्य प्रमुख घाट शामिल हैं। इन सभी स्थानों पर आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जैसे छतरियां, हाईमास्ट लाइटें, पेयजल, आरओ प्लांट, और स्वच्छता सुविधाएं।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

प्रयागराज के घाट केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इस बदलाव से न केवल इन स्थलों का ऐतिहासिक महत्व बढ़ेगा, बल्कि आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव भी मिलेगा। सरकार का यह प्रयास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय विरासत को संरक्षित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

नाम परिवर्तन का उद्देश्य

सरकार द्वारा किए गए इस नाम परिवर्तन का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की स्मृति को जीवित रखना और उनकी प्रेरणा को जन-जन तक पहुंचाना है। यह निर्णय महाकुंभ के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से जोड़ने का एक प्रयास है।