अंतरराष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर पनामा का कड़ा जवाब, ‘पनामा नहर हमारी है’

Spread the love

ट्रंप की धमकी और पनामा की प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी, 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। अपने पहले भाषण में ही उन्होंने विवाद खड़ा कर दिया। ट्रंप ने कहा कि पनामा नहर पर अमेरिका का अधिकार होना चाहिए और इसे वापस लिया जाएगा। इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी।

पनामा राष्ट्रपति का सख्त जवाब
पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मलीनो ने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट कहा, “पनामा नहर हमारी है और हमारी ही रहेगी।” उन्होंने ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा कि पनामा नहर पर किसी भी प्रकार का विदेशी नियंत्रण स्वीकार्य नहीं है।


पनामा नहर का महत्व

पनामा नहर क्या है?
पनामा नहर 82 किलोमीटर लंबी एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जो अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर को जोड़ती है। यह नहर वैश्विक व्यापार का एक अहम हिस्सा है।

अमेरिका के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?
अमेरिका का लगभग 14% व्यापार इसी नहर के जरिए होता है। दुनिया का 6% समुद्री व्यापार पनामा नहर से गुजरता है, जो इसे वैश्विक व्यापार के लिए और भी खास बनाता है।


पिछला इतिहास और विवाद

पनामा नहर पर किसका अधिकार है?
1999 से पनामा नहर का पूरा नियंत्रण पनामा के पास है। इससे पहले यह अमेरिका के अधिकार में थी। 1977 में हुए समझौते के तहत इसे पनामा को सौंपा गया।

अमेरिका और चीन के बीच तनाव
पनामा नहर के आसपास चीन का बड़ा निवेश है। इससे अमेरिका को चिंता होती है। ट्रंप ने अपने भाषण में चीन को चुनौती देते हुए पनामा नहर को लेकर आक्रामक रुख दिखाया।


क्या पनामा नहर बन सकती है युद्ध का कारण?

पनामा नहर कई देशों के समुद्री व्यापार का केंद्र है। ऐसे में इस पर किसी भी प्रकार का अस्थिरता भू-राजनीतिक संघर्ष को जन्म दे सकती है। ट्रंप के बयान के बाद पनामा के कड़े रुख ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।


ट्रंप का विवादित बयान

डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर अमेरिका के अधिकार की बात करते हुए कहा कि अमेरिका के जहाजों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंने चीन के प्रभाव को खत्म करने की बात कही।


निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने पनामा नहर को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। पनामा के राष्ट्रपति के कड़े जवाब से यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गहरा सकता है।