पाकिस्तान की डिप्टी पीएम की कारोबारी रिश्ते की चाहत पर भारत का सख्त संदेश: पहले बंद करें आतंकी फैक्ट्री
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया
भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान की आतंकवाद को औजार के रूप में इस्तेमाल करने की नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाएगा, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।
पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने हाल ही में भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते बहाल करने की बात कही थी। इस पर भारत ने स्पष्ट किया कि बातचीत का आधार केवल “टी” यानी आतंकवाद को खत्म करना हो सकता है।
पाकिस्तानी डिप्टी पीएम का बयान और भारतीय जवाब
इशाक डार ने गुरुवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस वार्ता के दौरान भारत के साथ संबंध सुधारने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, “ताली दोनों हाथों से बजती है। भारत की ओर से सद्भावना होगी, तो हम भी तैयार हैं।”
डार का यह बयान भारत की उस नीति के जवाब में आया जिसमें आतंकवाद और वार्ता को साथ ले जाने की संभावना खारिज की गई थी। भारत ने साफ किया कि आतंकवाद की समस्या का समाधान किए बिना कोई भी द्विपक्षीय वार्ता आगे नहीं बढ़ सकती।
पुलवामा हमला और तनावपूर्ण रिश्ते
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद से बेहद तनावपूर्ण हैं। इस हमले में भारतीय जवानों की शहादत के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
यह घटना दोनों देशों के बीच बातचीत और व्यापारिक रिश्तों को पूरी तरह ठंडे बस्ते में डालने का कारण बनी।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में आया सकारात्मक रुख
हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच कुछ सकारात्मक संकेत तब देखे गए जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अक्टूबर में इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लिया।
जयशंकर के इस दौरे को दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार का संकेत माना गया। लेकिन भारत ने बार-बार आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है, जो रिश्तों में सुधार की राह में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
भारत का स्पष्ट संदेश
पाकिस्तान के लिए भारत का संदेश स्पष्ट है: रिश्तों में सुधार के लिए आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा अनिवार्य है। भारत ने कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी फैक्ट्रियों को बंद नहीं करेगा और आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करेगा, तब तक व्यापारिक या कूटनीतिक रिश्तों में कोई प्रगति नहीं होगी।
निष्कर्ष
पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार की ओर से भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को बहाल करने की इच्छा जाहिर करना एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन भारत का रुख साफ है। आतंकवाद के मुद्दे को हल किए बिना किसी भी तरह के रिश्ते संभव नहीं हैं।
भारत ने इस्लामाबाद को साफ संदेश दिया है कि रिश्तों को सुधारने के लिए आतंकवाद की समस्या का समाधान करना ही पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।