आर्थिक संकट में घिरा पाकिस्तान, IMF की चेतावनी और व्यापारियों की मांग
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और विदेशी कर्ज की समस्या ने देश को गंभीर संकट में डाल दिया है। इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को अपनी बेलआउट योजना पर कायम रहने की सलाह दी है। वहीं, देश के व्यापारिक समुदाय ने सरकार से सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की अपील की है ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें।
IMF ने क्या कहा?
IMF के नए रेजिडेंट प्रतिनिधि माहिर बिनिसी ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि देश को सुधारों को लागू करने में धैर्य रखना होगा और आर्थिक स्थिरता के लिए IMF कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा करना जरूरी है।
बिनिसी ने कहा,
“पाकिस्तान को अपनी आर्थिक नीतियों में सुधार करना होगा और IMF के साथ किए गए समझौतों को पूरी तरह से लागू करना होगा। यह सिर्फ आर्थिक स्थिरता ही नहीं बल्कि भविष्य में समावेशी विकास के लिए भी आवश्यक है।”
व्यापारियों ने क्या कहा?
पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय लगातार सरकार से आर्थिक सुधारों की मांग कर रहा है। प्रमुख निवेशक और आरिफ हबीब ग्रुप के संस्थापक आरिफ हबीब ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की सलाह दी।
उन्होंने कहा,
“पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहद नाजुक स्थिति में है। पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर केवल 0.92% रही, जिससे बेरोजगारी और अधिक बढ़ गई है। सरकार को निजी कंपनियों के साथ साझेदारी कर निवेश के नए रास्ते खोलने चाहिए।”
हबीब के मुताबिक, व्यापार के अवसर कम होने के कारण कई कंपनियां बंद हो रही हैं या अपने संचालन में कटौती कर रही हैं। यदि सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करती है, तो इससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार का मानना है कि आर्थिक संकट को तुरंत हल करना संभव नहीं है। वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि स्थिरता से विकास की ओर बढ़ने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है। उन्होंने कहा,
“अर्थव्यवस्था के डीएनए को बदलने की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी नया आर्थिक उछाल किसी बड़े संकट को जन्म न दे।”
IMF की शर्तें और पाकिस्तान की स्थिति
IMF ने साफ किया है कि वह पाकिस्तान को किसी भी नए वित्तीय संकट में नहीं देखना चाहता। संस्था चाहती है कि देश अपने सुधार कार्यक्रम पर पूरी तरह से अमल करे। माहिर बिनिसी ने पाकिस्तान सरकार को याद दिलाया कि उसका ध्यान आर्थिक सुधारों पर बना रहना चाहिए।
उन्होंने कहा,
“सुधार एजेंडे को प्राथमिकता देना जरूरी है। राज्य के हस्तक्षेप को कम कर, सरकारी रियायतों को हटाकर और आर्थिक गड़बड़ियों को ठीक करके ही दीर्घकालिक विकास संभव है।”
आगे की राह क्या हो सकती है?
- IMF के दिशा-निर्देशों का पालन: पाकिस्तान को IMF के निर्देशों के अनुरूप अपनी आर्थिक नीतियों को बदलना होगा।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी: व्यापारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार को निजी क्षेत्र को अधिक अवसर देने चाहिए।
- रोजगार सृजन: बेरोजगारी कम करने के लिए सरकार को निवेशकों को आकर्षित करने और नई कंपनियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
- महंगाई पर नियंत्रण: खाद्य और ईंधन कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार को ठोस नीतियां बनानी होंगी।
निष्कर्ष
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति गंभीर बनी हुई है। IMF के निर्देशों का पालन करना और व्यापारिक समुदाय की सिफारिशों पर अमल करना ही इस संकट से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता हो सकता है। यदि सरकार जल्द ही सही कदम नहीं उठाती है, तो पाकिस्तान को और गहरे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।