भाजपा का यूटर्न, माहिम विधानसभा सीट पर नहीं करेगी राज ठाकरे के बेटे का समर्थन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सियासी बवंडर तेज हो गया है। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने माहिम विधानसभा सीट पर राज ठाकरे के बेटे अदित्य ठाकरे का समर्थन न करने का फैसला लिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा का यह यूटर्न काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि पहले पार्टी ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ गठबंधन की संभावना व्यक्त की थी।
भाजपा का कदम क्यों?
भा.ज.पा. के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि चुनावी रणनीति को देखते हुए, राज ठाकरे के बेटे अदित्य ठाकरे के समर्थन का फैसला निरस्त करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, भाजपा को यह एहसास हुआ कि अदित्य ठाकरे का समर्थन महाराष्ट्र की राजनीति में पार्टी को वह लाभ नहीं दे सकता, जिसकी उम्मीद थी। मायनोरिटी वोट और शिवसेना के पुराने मतदाता भाजपा के समर्थन में नहीं आएंगे, इसलिए भाजपा ने यह कदम उठाया।
अदित्य ठाकरे और भाजपा का रिश्ता
राज ठाकरे के बेटे अदित्य ठाकरे, जो महाराष्ट्र में एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती हैं, उनके बारे में भाजपा के भीतर मिश्रित प्रतिक्रियाएं रही हैं। एक ओर जहां कुछ लोग उन्हें शिवसेना का सशक्त नेता मानते हैं, वहीं भाजपा नेताओं का मानना है कि उनका समर्थन पार्टी के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। भाजपा के उच्च अधिकारियों के मुताबिक, अदित्य ठाकरे का समर्थन पार्टी के लिए चुनावी दृष्टि से सही निर्णय नहीं था।
आने वाली स्थिति
अब भाजपा ने अपने विकल्प खोलने की कोशिश की है और संभावना जताई है कि वह माहिम सीट पर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में किसी और को खड़ा कर सकती है, ताकि आगामी चुनावों में तगड़ा मुकाबला किया जा सके। इसके अलावा, राज ठाकरे के नेतृत्व वाली MNS को लेकर भाजपा के अंदर अलहदा रणनीतियां बन सकती हैं।