महाकुंभ में अग्निकांड: हादसा या साजिश? टाइमिंग पर उठे सवाल
अग्निकांड: क्या महाकुंभ में लगी आग एक साजिश थी?
19 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आग की घटना ने सभी को झकझोर दिया। यह घटना गीता प्रेस के शिविर में हुई, जो सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम स्थल से महज 500 मीटर की दूरी पर था। यह आग ठीक उस समय लगी जब सीएम योगी का कार्यक्रम कुछ ही देर बाद शुरू होने वाला था।
संत समाज और उपस्थित लोगों ने इस आग की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। प्रमुख संतों का मानना है कि यह घटना महज हादसा नहीं बल्कि एक गहरी साजिश हो सकती है।
गीता प्रेस शिविर में लगी आग: हादसा या साजिश?
शाम 4:08 बजे आग लगने की सूचना मिली, और सीएम योगी को शाम 5 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना था। संत समाज ने सवाल उठाए कि क्या यह घटना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी?
गीता प्रेस ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमकर ने दावा किया कि किसी ने शिविर में आग लगाकर उसे अंदर फेंका। उन्होंने इसे आतंकी साजिश की संभावना से जोड़ा है।
आतंकी साजिश की आशंका क्यों?
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन को पहले भी आतंकी संगठनों से धमकी मिल चुकी है। खालिस्तान और अन्य आतंकी संगठनों की सक्रियता को देखते हुए यह घटना गंभीर बन जाती है। संत समाज ने मांग की है कि इस घटना की जांच NIA से कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
सीएम योगी का सुपर मैनेजमेंट और अग्निकांड पर प्रतिक्रिया
महाकुंभ का आयोजन सीएम योगी के नेतृत्व में भव्य और दिव्य तरीके से चल रहा है। आग की घटना के बावजूद, सुरक्षा बलों और प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया। मेला क्षेत्र में अब सुरक्षा पहले से अधिक मजबूत कर दी गई है।
संत समाज ने इस घटना को सनातन धर्म और इसके अनुयायियों के लिए एक गहरी साजिश करार दिया है।
महाकुंभ में आग की घटना: टाइमिंग पर सवाल
संतों और अन्य उपस्थित लोगों ने यह मुद्दा उठाया कि जिस समय और स्थान पर आग लगी, वह महज एक संयोग नहीं हो सकता। यह आग सीएम योगी के कार्यक्रम से कुछ ही समय पहले क्यों लगी? क्या यह आग उनके दौरे को बाधित करने या अन्य कोई संदेश देने की कोशिश थी?
महाकुंभ में सुरक्षा और जांच
घटना के बाद महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन संत समाज ने NIA जैसी बड़ी एजेंसियों से जांच की मांग की है।
निष्कर्ष
प्रयागराज महाकुंभ में आग की घटना ने सुरक्षा और साजिश से जुड़े कई सवाल खड़े किए हैं। संत समाज और अन्य संगठनों की मांग है कि इस घटना की गहराई से जांच हो ताकि सच सामने आ सके। महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में इस तरह की घटना सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए चिंता का विषय बन गई है।