इजरायल के बाद अब बीमारियों का खतरा बन रहा है लेबनान के लिए नई आफत

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लेबनान, जो पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है, अब एक नई चुनौती का सामना कर रहा है—बीमारियों का खतरा। इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच चल रहे तनाव और क्षेत्रीय संघर्ष के बीच लेबनान के नागरिकों के लिए अब बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। देश की कमजोर स्वास्थ्य सुविधाएं और युद्ध जैसी स्थिति से उत्पन्न मानवीय संकट ने इस नए खतरे को और गंभीर बना दिया है।

युद्ध और बीमारी का संबंध

लेबनान में मौजूदा परिस्थितियों में युद्ध की वजह से लोगों का जीवन और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इजरायल के साथ चल रहे तनाव के चलते देश के कई हिस्सों में बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ है। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर दबाव बढ़ गया है, जबकि स्वच्छता की कमी और पीने के पानी की अनुपलब्धता के कारण बीमारियों का प्रसार तेज हो रहा है।

जलजनित और संक्रामक बीमारियों का खतरा

लेबनान में जलजनित और संक्रामक बीमारियों का जोखिम सबसे ज्यादा बढ़ा है। कोलेरा, डायरिया, और त्वचा संक्रमण जैसी बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है, क्योंकि देश के कई हिस्सों में साफ पानी की कमी और स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है। इसके अलावा, डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का भी खतरा मंडरा रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मच्छरों की समस्या बढ़ी है।

स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी

लेबनान के स्वास्थ्य ढांचे पर पहले से ही भारी दबाव है। आर्थिक संकट के कारण देश की स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर हो गई हैं, और अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं और मेडिकल स्टाफ नहीं है। युद्ध और आर्थिक अव्यवस्था के चलते कई डॉक्टर और नर्स अन्य देशों में चले गए हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

मानवीय संकट और बीमारियों का प्रसार

लेबनान के कई इलाकों में जारी संघर्ष और विस्थापन के कारण हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। इन शरणार्थियों के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाएं और साफ-सफाई की कमी ने बीमारियों के फैलने का खतरा और भी बढ़ा दिया है। शिविरों और अस्थायी आवासों में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा जोखिम में हैं, क्योंकि वहां पर स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद सीमित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मदद की आवश्यकता

लेबनान की इस संकटपूर्ण स्थिति को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और संस्थाओं से मदद की अपील की जा रही है। देश को न केवल आर्थिक मदद की जरूरत है, बल्कि तत्काल चिकित्सा सुविधाओं और स्वच्छता सेवाओं की बहाली की भी आवश्यकता है। अगर इस दिशा में जल्दी कार्रवाई नहीं की गई, तो लेबनान को आने वाले समय में बड़ी स्वास्थ्य आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।