पूर्वांचली वोटरों को लेकर केजरीवाल का आरोप: ‘बीजेपी मतदाता सूची से नाम कटवा रही है’
केजरीवाल का बीजेपी पर सीधा हमला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी योजनाबद्ध तरीके से पूर्वांचली समाज के वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटवा रही है।
पूर्वांचली वोटरों को लेकर सियासत गरमाई
दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचली समाज का वोट चुनावी राजनीति में बेहद अहम माना जाता है। केजरीवाल का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर इस समाज को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ वोट काटने की साजिश नहीं है, बल्कि पूर्वांचली नागरिकों की पहचान मिटाने की कोशिश है।”
केजरीवाल ने दी प्रेस कॉन्फ्रेंस
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि बीजेपी ने दिल्ली के कई इलाकों में मतदाता सूची से नाम हटवाने की साजिश की है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा करके बीजेपी चुनाव में धांधली करने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी के नेता ने कहा, “केजरीवाल सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं। मतदाता सूची में किसी का नाम हटाना या जोड़ना पूरी तरह चुनाव आयोग का काम है।”
पूर्वांचली वोटर क्यों हैं अहम?
दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग बसे हुए हैं, जो विधानसभा चुनाव में एक निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यह वर्ग पारंपरिक रूप से आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थक माना जाता है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस वर्ग का समर्थन पाने की कोशिश करती रही हैं।
केजरीवाल का समर्थन मांगने का प्रयास
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में पूर्वांचली समाज से अपील की कि वे इस साजिश के खिलाफ एकजुट हों। उन्होंने कहा, “बीजेपी आपको कमजोर समझती है, लेकिन आपका एक वोट लोकतंत्र को बचा सकता है।”
चुनावी माहौल में गरमा-गरमी
दिल्ली में चुनावी माहौल पहले से ही गरम है। ऐसे में यह मुद्दा बीजेपी और AAP के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। दोनों पार्टियां मतदाता वर्ग को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं।
क्या कहता है चुनाव आयोग?
चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, आयोग ने हाल ही में दिल्ली में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए विशेष अभियान चलाया था।
यह मामला दिल्ली की राजनीति में नए सियासी मोड़ का संकेत देता है। पूर्वांचली वोटर दोनों ही प्रमुख पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और चुनावी दांव-पेच के बीच इनका भविष्य क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी।