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जस्टिन ट्रूडो पर संकट गहराया: ‘सॉरी’ के बाद भारत ने खोली पोल, कनाडा में आलोचना के शिकार

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का राजनीतिक करियर इन दिनों गंभीर संकट में है। भारत से विवाद बढ़ने के बाद, ट्रूडो के ‘सॉरी’ बोलने के बावजूद उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। भारत ने उनकी माफी के बावजूद गंभीर सवाल उठाए हैं और अब ट्रूडो खुद अपने देश में भी तीखी आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। कनाडाई संसद के कई सांसदों ने तो उनसे इस्तीफा देने की मांग तक कर डाली है।

मुख्य मुद्दे:

  1. भारत के साथ विवाद:
    • ट्रूडो ने कुछ समय पहले भारत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला प्रमुख था। उन्होंने भारत पर इस हत्या में शामिल होने का शक जाहिर किया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई।
    • हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में ट्रूडो ने ‘सॉरी’ कहा, लेकिन भारत ने उनके इस बयान को आधी-अधूरी माफी करार दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे, और ट्रूडो ने बिना किसी ठोस आधार के भारत पर आरोप लगाए।
  2. कनाडा में आलोचना:
    • कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं। कई सांसदों ने उन पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कनाडा की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके चलते उनके खिलाफ इस्तीफे की मांग बढ़ने लगी है।
    • संसद में विपक्षी दलों के सांसदों ने ट्रूडो की कूटनीति को विफल करार दिया और उनसे नेतृत्व से हटने का आग्रह किया। उनका कहना है कि ट्रूडो ने अपने बयानों से कनाडा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा किया है।
  3. राजनीतिक स्थिति:
    • ट्रूडो के ‘सॉरी’ कहने के बाद भी कनाडा में उनकी छवि को भारी नुकसान हुआ है। कनाडा की जनता और संसद में उनका समर्थन कम होता जा रहा है, और यह उनके राजनीतिक करियर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
    • इस विवाद के बाद, भारत और कनाडा के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं। दोनों देशों के बीच के संबंधों को सुधारने के लिए तत्काल कोई समाधान नहीं दिखाई दे रहा है।